बच्चे के साथ ही एक मां का भी जन्म होता है। कोई भी नई मां अपने बच्चे की ही तरह बिल्कुल अबोध होती है। ऐसे में बच्चे को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं
माँ को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। इसलिए सबसे जरूरी है किसी भी बात पर स्ट्रेस न लेना
सभी माँए अपने बच्चे के नहाने, खाने से लेकर बच्चों को कपड़े पहनाने तक की बातों को लेकर चिंतित रहती हैं , केवल थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए बच्चे का ध्यान रखना है ,चिंता की बात नहीं है।
हालांकि, बच्चे को सही तरह से ढक कर रखना जरूरी है। परंतु गर्मियों में भी गर्म कपड़े और ठंड के मौसम में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने की जरूरत नहीं होती।
बेबी को हमेशा आरामदायक और ढीले कपड़े पहनाएं। बच्चों के शरीर से काफी ज्यादा हीट निकलती है। ऐसे में जरूरत से ज्यादा कपड़े पहनाने से उन्हें फीवर आने की संभावना बनी रहती है।
ब्रेस्टफीडिंग का ध्यान रखना जरूरी है। यदि अभी-अभी मां बनी हैं, तो यह जान लें कि आपके बच्चे की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी है मां का दूध
डॉक्टरों के अनुसार माँ हर 2 से 3 घंटे पर बच्चे को अपना दूध जरूर पिलाती रहें। यदि आपको लग रहा है कि दूध पर्याप्त नहीं बन रहा, तो डॉक्टर से मिलकर राय लें
नए जन्मे बच्चे के शरीर में नाल (umbilical cord) लगी होती है, जिसे सूखने में थोड़ा समय लगता है। नाल उतरने से पहले तक बच्चे को नहलाना नहीं चाहिए।
बच्चे को दूध पिलाने के बाद उन्हें डकार दिलाना जरूरी है। क्योंकि दूध पीने के दौरान बच्चे के पेट में हवा भर जाती है। ऐसे में यदि बच्चे को डकार न दिलाई जाए तो यह हवा बढ़ती रहती है और बच्चा दूध उलट देता है
नवजात शिशु को नहलाते वक्त कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें। नवजात शिशु को हफ्ते में 3 बार से ज्यादा न नहलायें। क्योंकि बच्चों की स्किन काफी ज्यादा नाजुक होती है।