श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन दही हांडी का आयोजन क्यों करते हैं 

दही हांडी का महत्व गुजरात और महाराष्ट्र में सर्वाधिक है

दही हांडी का इतिहास कान्हा के बचपन से जुड़ा है

शरारती कन्हैया को माखन और दही बहुत प्रिय थे 

कान्हा से माखन बचाने के लिए महिलाएं माखन की मटकी को ऊंचाई पर लटका दिया करती

नटखट कान्हा अपने सखाओं के साथ मिलकर एक पिरामिड बनाकर उसके जरिए ऊंचाई पर लटकी मटकी से माखन चोरी कर लेते थे

जय श्री कृष्णा

दही हांडी तोड़ने वाले को गोविंदा कहा जाता है