गतका खेल or Gatka Game Kya Hai In Hindi/ What is Gatka Sports 2023

क्या है गतका खेल / What is Gatka Sports ? Gatka Game kya hai in Hindi :

  • क्या है गतका खेल/What is Gatka Sports ?
  • खेला इंडिया में पहली बार कब शामिल किया गया गतका खेल ?
  • किस वर्ष पहली बार खेलो इंडिया में शामिल किया गया गतका खेल?
  • कितनी टीमों ने हिस्सा लिया खेलो इंडिया-2021 के गतका खेल प्रतियोगिता में?
  • कौन-कौन से राज्य की टीमों ने हिस्सा लिया खेलो इंडिया-2021 के गतका खेल प्रतियोगिता में?
  • कितने प्रकार का होता है गतका खेल ?
  • गतका खेल की शुरूआत किसने की ?
  • किस राज्य का पारंपरिक खेल है गतका?
  • हरियाणा में आयोजित खेलो इंडिया में कौन-कौन से पारंपरिक खेल शामिल किए गए ?

दोस्तो, आज हम आपको पंजाब का पारंपरिक खेल गतका खेल के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। यह खेल वैसे तो बहुत पुराना है परंतु हरियाणा व मध्यप्रदेश में हुए खेलो इंडिया में शामिल करने के कारण इस खेल की चर्चा तेज हो गई है। क्योंकि सिख समाज का प्रमुख्य पारंपरिक खेल होने के कारण यह खेल सिख गुरूओं के धार्मिक आयोजनों में खूब होता रहा है।

अब तो इस खेल ने National Level पर विशेष पहचान बना ली है और इसके प्रशंसक यह खेल को खेलों की अन्य National and International प्रतियोगिताओं का हिस्सा बनाना चाहते हैं।

गतका मार्शल आर्ट

कहा जाता है कि गतका मार्शल आर्ट एक चीनी मार्शल आर्ट है जो शाओलिन मंदिर में विकसित की गई है। इसे “गतका” या “गतका कुंग फू” भी कहा जाता है। इस मार्शल आर्ट का उद्देश्य अपने शरीर को संतुलित और गतिशील बनाना होता है ताकि आप अपनी सुरक्षा कर सकें और समाज में सक्रिय रह सकें।

गतका मार्शल आर्ट के अभ्यास के दौरान, आप अपनी फिजिकल फिटनेस, अंदरूनी शांति और बल के साथ साथ एक बेहतर जीवन जीने के लिए स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हुए अपनी आत्मा की विकास भी करते हैं।

गतका मार्शल आर्ट में अनेक तकनीकों और उपयोगी तरीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि हथियार के साथ लड़ना, शारीरिक संतुलन, दृढ़ता और शक्ति बढ़ाने के लिए विभिन्न अभ्यास जैसे टॉनिंग, स्ट्रेचिंग, पुष्टिकरण, पारंपरिक भारतीय योग तकनीकों के साथ अभ्यास करते हैं।

पारंपरिक खेल है गतका

What do you think of Gatka as a martial art for fighting games?
What do you think of Gatka as a martial art for fighting games ?

आपको पता ही होगा कि प्रत्येक खेल या तो समय की जरूरत को पूरा करने के लिए शुरू हुआ है या मनोरंजन कि लिए । कुछ खेलों जैसे गतका, कुश्ती, कबड्डी, बाक्सिंग, हॉकी, वॉलीबाल, फुटबॉल आदि विभिन्न में जहां शारीरिक एवं मानसिक दोनों शक्तियों का प्रयोग किया जाता है, वहीं कुछ खेल शतरंज, ताश, चौसर जैसे ऐसे खेल भी हैं जिनमें बुद्घि अथवा मानसिक शक्ति से ज्यादा काम लिया जाता है शरीर की ताकत का कम।

एक समय था जब हमारे देश में गुरूकुल में भाला चलाने, धनुष-विद्या या लाठी चलाना सिखाया जाता है जो कि कभी आत्मरक्षा व जंगलों में शिकार करके पेट की भूख शांत करने के काम आती थी। दुश्मनों के साथ लड़ाई में भी उक्त विधाओं का खूब इस्तेमाल किया जाता था। समय बदलता गया और विज्ञान ने तरक्की की, तो युद्घ के तरीके बदल गए, हथियार बदल गए और वे विधाएं परंपरा एवं विरासत का हिस्सा बन गई।

यह खेल भी इन्हीं विधाओं में से एक है, जो कभी आक्रमणकारियों से जंग के समय काम आती थी और असली योद्घा को जीत का सेहरा बांधने का अवसर देती थी।

हाँ, गतका मार्शल आर्ट एक पारंपरिक खेल है जो शाओलिन मंदिर में विकसित की गई है। यह चीन की एक प्राचीन मार्शल आर्ट है जो उत्तरी चीन के हेनान प्रांत से उत्पन्न हुई थी। इसे संगठित रूप से पारंपरिक तरीके से सीखा जाता है और इसमें शारीरिक तरीकों के साथ-साथ आध्यात्मिक और दार्शनिक तत्व भी होते हैं। आजकल, यह खेल दुनिया भर में लोगों द्वारा अधिकतर अभ्यास की जाने वाली मार्शल आर्ट में से एक है।

गतका खेल भी मार्शल आर्ट है ?

युद्ध कलाएं युद्ध की कूट एवं पारम्परिक पद्धतियां हैं जिन्हें विविध कारणों से व्यवहार में लाया जाता रहा है। वर्तमान में इन्हें आत्मरक्षा, प्रतिस्पर्धा, शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास आदि के लिये व्यवहार में लाया जाता है।

वैसे तो दुनिया में विभिन्न प्रकार की युद्ध-कलाएं हैं परंतु कुछ प्रमुख कलाओं में भारत में गतका खेल, लाठी व भाला चलाना, धनुर्विधा, चीन में कुंग-फु और जापान में कराटे माना जाता है। गतका खेल को भी मार्शल आर्ट का एक हिस्सा माना जाता है।


क्या है मार्शल आर्ट ?

देखिए दोस्तो, मार्शल आर्ट या युद्ध कलाएं विधिबद्ध अभ्यास की प्रणाली और बचाव के लिए प्रशिक्षण की परंपराएं हैं। सभी मार्शल आट्र्स का मुख्य उद्देश्य है-स्वयं की या दूसरों की किसी शारीरिक खतरे से रक्षा। गजब की बात यह है कि मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है, ज़्यादातर लड़ाई के खेल में, लेकिन ये नृत्य का रूप भी ले सकती हैं।

मार्शल आट्र्स का अर्थ युद्ध की विधा से है और ये लड़ाई की विधा से जुड़ा पंद्रहवीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज ऐतिहासिक यूरोपीय मार्शल आट्र्स के रूप में पहचाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार भी कहा जाता है।

कहा जाता है कि मूल रूप से 1920 के दशक में रचा गया मार्शल आट्र्स शब्द मुख्य तौर पर एशिया के युद्ध के एक प्रकार के संदर्भ में था, खासतौर पर पूर्वी एशिया में इजाद हुई एक युद्घ की तकनीक।

गतका खेल है ‘सिख मार्शल आर्ट’ / Who can play the Game of Gatka

आपको बता दें कि सरल भाषा में यह खेल को ‘सिख मार्शल आर्ट’ कहा जाता है। यह एक पुरातन मार्शल आर्ट का ही एक रूप है जो लगभग एक हजार साल पहले समाज में उभर कर आया। गतका पंजाब और उत्तरी भारत के आसपास के क्षेत्रों में बहुत लोकप्रिय है। इसे एक आध्यात्मिक कला के रूप में भी माना जाता है, जिसमें शारीरिक रणनीति और ताकत शामिल है।

इस खेल में इस्तेमाल किया जाने वाला प्राथमिक हथियार वैसे तो तलवार है परंतु अभ्यास के दौरान सुरक्षा के लिहाज से ज्यादातर लाठी का प्रयोग किया जाता है ।
गतका खेल प्रशिक्षु को अपने शरीर के अन्य स्वस्थ पहलुओं को सतर्क और तेज बनाए रखने की शक्ति के साथ-साथ रक्षात्मक कौशल प्रदान करता है। आजकल यह खेल एक प्रसिद्ध मार्शल आर्ट बन गया है जिसे विभिन्न सिख त्योहारों के दौरान नृत्य के साथ प्रदर्शित किया जाता है।

कैसे खेलते हैं गतका खेल ?

इस खेल में सशस्त्र या निहत्थे तरीके से युद्ध प्रशिक्षण की एक श्रृंखला शामिल है। लड़ाके अपनी रक्षा और आक्रमण के लिए विभिन्न हथियारों का उपयोग करते हैं। इस इस्तेमाल होने वाले प्राथमिक हथियार कृपाण, लाठी, मारोटिस, नन-चक, कुल्हाड़ी आदि माने जाते हैं।

गतका खेल का इतिहास क्या है? History of Traditional Gatka Sports in Hindi

Gatka Game History : माना जाता है कि गतका खेल का विकास 17वीं शताब्दी में बाबा बुद्ध जी ने गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु हरगोबिंद सिंह जी तक के समय में किया था। इस युग के दौरान उन्होंने सिख सेना को प्रशिक्षण देना शुरू किया। पहले तो उस सेना को उन्हें अकाली सेना के रूप में बुलाया। इस सेना को बुद्ध दल भी कहा जाता है।

प्राचीन काल से, निहंगों ने इस मार्शल आर्ट को सफलतापूर्वक संरक्षित किया है। इस खेल के लिए विशिष्ट पोशाक होती है। यह भी जानना जरूरी है कि 19वीं शताब्दी में इस की रक्षात्मक और आक्रमणकारी शैलियों को व्यापक रूप से लोकप्रियता मिली थी।

कितने प्रकार का होता है गतका खेल ?

दोस्तो , वर्ष 1920 में इस को दो महत्वपूर्ण उप-रूपों या शैलियों में विभाजित किया गया था- इनमें पहली रस्मी (पारंपरिक रूप) और दूसरी खेल (खेल)। इससे पूर्व,1860 के दशक तक विभिन्न युद्धों के लिए ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा गतका की प्रथा का व्यापक रूप से पालन किया गया जिससे उन्हें जीत हासिल हुई।

विदेशियों ने भी गतका की तकनीकों का प्रयोग किया है

भारत ही नहीं विदेशों में भी इस खेल की तकनीकों का इस्तेमाल बखूबी किया गया है। बताया जाता है कि स्कॉटलैंड में कमांडो बेसिक ट्रेनिंग सेंटर के सैनिकों को कैप्टन विलियम ई. फेयरबैर्न और कैप्टन एरिक एंथोनी साइक्स द्वारा स्थापित डिफेंडु प्रणाली में गतका की विभिन्न तकनीकों और युद्ध कौशल के साथ प्रशिक्षित किया गया था।

गतका खेल के नियम किसने बनाए ?

इस को जब आम खेलों की तरह शामिल किया जाने लगा तो इसके नियम बनाया जाना स्वाभाविक था। विभिन्न स्कूलों में प्रशिक्षक आमतौर पर उल्लेख करते हैं कि गतका के खेल को बढ़ावा देने के लिए अखाड़ों (प्रशिक्षण क्षेत्र) की स्थापना की गई है।

वर्ष 1936 में,मेजर करतार सिंह अकाली (निदेशक भौतिक, आरएसडी कॉलेज फिरोजपुर) द्वारा गतका नियमों को फिर से तैयार किया गया। यही नहीं वर्ष 1985 में गतका खेल के संरक्षण व पारंपरिक की विरासत को सहेजने के लिए प्रयास किए गए। इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय ने वर्ष 2001 में गतका के इंटर-कॉलेज मैचों को फिर से शुरू किया गया।

अब गतका खेल चर्चा में क्यों ?

खेल में रूचि रखने वाले प्रशंसकों को याद होगा कि भारत के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा पांच पारंपरिक खेल जैसे गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता, मलखंब और योगासन को शामिल करने को मंजूरी दी गई।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की इंडिया को फिट रखने की सोच के अनुरूप आरंभ किये गए थे।

खेलो इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में खेलों को प्रोत्साहित करना है। साथ ही बच्चों और युवाओं का समग्र विकास, सामुदायिक विकास, सामाजिक एकीकरण, लैंगिक समानता, स्वस्थ जीवन शैली, राष्ट्रीय गौरव और खेलों के विकास से जुड़े आर्थिक अवसरों के माध्यम से खेल क्षमताओं का सही दिशा में सदुपयोग करना है।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेलों के प्रोत्साहन हेतु संशोधित राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘खेलो इंडिया’ का हिस्सा है जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2017 में अनुमोदित किया गया था। इस योजना के तहत, विभिन्न स्तरों पर प्राथमिकता वाले खेलों में पहचान प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को 8 वर्षों तक के लिये प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

मुख्य रूप से गतका खेल किस धर्म से जुड़ा है ?

वैसे तो खेल किसी धर्म-संप्रदाय से नहीं जुड़े होते , फिर भी गतका को सिख धर्म से जुड़ा एक पारंपरिक मार्शल आर्ट माना जाता है। पंजाबी नाम ‘गतका’ इसमें इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी की छड़ी को संदर्भित करता है।
गतका युद्ध-प्रशिक्षण का एक पारंपरिक दक्षिण एशियाई रूप है जिसमें तलवारों का उपयोग करने से पहले लकड़ी के डंडे से प्रशिक्षण लिया जाता है। गतका का अभ्यास खेल (खेला) या अनुष्ठान (रश्मि) के रूप में किया जाता है। यह खेल दो लोगों द्वारा लकड़ी की लाठी से खेला जाता है।

खेलो इंडिया में पहली बार गतका खेल कब शामिल किए गए ?

गुरु साहिब ने आत्मरक्षा के लिए की जिन मल्ल अखाड़ों की शुरूआत की थी वहीं से ‘गतका’ खेल आरंभ हुआ माना जाता है। इस खेल को पहली बार हरियाणा के पंचकूला में 4 जून 2022 से आरंभ खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 शामिल किया गया। इन खेलों में देशभर की 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 की शान बना गतका खेल

मित्रो, सिखों के छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी द्वारा आत्मरक्षा करने के लिए जिन मल्ल अखाड़ों की शुरूआत की थी, आज उन्हीं से निकला ‘गतका’ खेलो इंडिया की शान बन गया है। पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 में गतका खेल को भी शामिल किया गया है।

इस खेल में हिस्सा लेने के लिए देशभर से 16 टीमें पंचकूला पहुंची हैं। इस खेल से जुड़ी World Gatka Federation अब इस गेम को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

खेलो इंडिया तक का सफर कैसा रहा गतका का

World Gatka Federation के Vice president श्री सुखचैन सिंह ने बताया कि इस खेल को खेलो इंडिया में स्थान दिलाने तक की कहानी इतनी आसान नहीं है, जितनी शब्दों में बताई जा रही है।

लगभग 550 वर्ष पहले आरंभ हुई आत्मरक्षा की एक विधा को यहां तक लाने के लिए काफी प्रयास किए गए। सबसे पहले इस विधा को एक गेम में लाने की ठानी गई और गांवों में छोटे-छोटे गतका गेम्स के आयोजनों की शुरूआत की गई।

फिर ब्लॉक स्तर पर गतका के आयोजन करवाए गए। धीरे-धीरे जिला स्तर पर और फिर राष्ट्रीय स्तर पर 9 प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिता से बहुत कुछ सीखने को मिला, जिनमें से अलग-अलग नियमों को तय किया गया। नियमों की 9 किताबों का प्रकाशन किया गया।

इसके बाद नियम फाइनल हुए और इस गेम को पहचान मिली। वर्ष 2020 में गुवाहटी में आयोजित हुई खेलो इंडिया प्रतियोगिता में गतका गेम्स की प्रेजेंटेशन दी गई। इसके बाद भारत सरकार ने इसे खेलो इंडिया में शामिल करने की स्वीकृति दे दी।

गतका खेल में एक खिलाड़ी कितने इवेंट में ले सकता है हिस्सा ?

श्री सुखचैन सिंह ने बताया कि गतका खेल में एक खिलाड़ी दो इवेंट में हिस्सा ले सकता है। इसको एक स्टिक के साथ खेला जाता है। इसे हिंदी में सोटी कहा जाता है। एक इवेंट सिंगल स्टिक के साथ होता है। जिसमें दो प्रतिभागी होते हैं, दोनों के पास अपनी-अपनी स्टिक होती है।

इसी तरह सिंगल स्टिक में टीम इवेंट भी होता है, जिसमें एक टीम के अंदर तीन प्रतिभागी होते हैं। तीसरा इवेंट फ्री स्टिक के साथ खेला जाता है। इसमें एक स्टिक के साथ-साथ दूसरे हाथ में एक ढ़ाल भी होती है। एक खिलाड़ी दोनों इवेंट में हिस्सा ले सकता है।

क्या सिखों का गेम है गतका खेल ?

World Gatka Federation के उप प्रधान श्री सुखचैन सिंह ने कहा कि गतका अब सिखों तक सीमित नहीं है बल्कि सर्व समाज के लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021 में देखने को मिल रहा है।

यहां गतका प्रतिस्पर्धा के लिए 16 टीमों के 256 खिलाड़ी पहुंचे हैं। इसमें पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, नई दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तिलंगाना, मध्यप्रदेश, उतराखंड, कर्नाटक, उत्तर-प्रदेश,हिमाचल, आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ की टीम शामिल हैं।

गतका को नेशनल स्पोट्र्स फेडरेशन में पहचान दिलाने का प्रयास

जहां तक श्री सुखचैन सिंह की बात है, वे कहते हैं कि इस खेल को राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद जारी है। खेलो इंडिया गेम्स के बाद अब गतका फेडरेशन इसे नेशनल स्पोट्र्स फेडरेशन में शामिल करवाने का प्रयास कर रही है।

गतका मार्शल आर्ट 37वें राष्ट्रीय खेलों में शामिल होगा

दोस्तों , गतका के पारंपरिक खेल को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बढ़ावा मिलने वाला है क्योंकि इसे आधिकारिक तौर पर 37वें राष्ट्रीय खेल-2023 में शामिल किया गया है , जो इस साल अक्टूबर में गोवा में होने वाले हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) गोवा सरकार के सहयोग से इस राष्ट्रीय आयोजन के दौरान कुल 43 खेलों की प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा ।

नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनजीएआई) के अध्यक्ष और राज्य पुरस्कार विजेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने आईओए अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य पीटी उषा और गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) के अध्यक्ष, सदस्य अमिताभ शर्मा की सराहना की। भूपिनर सिंह बाजवा और अन्य सदस्यों ने मार्शल आर्ट गतका को पहली बार राष्ट्रीय खेलों में शामिल करने की मांग की थी।

हालाँकि एनजीएआई 22 राज्यों में अपने संबद्ध राज्य गतका संघों के माध्यम से गतका को बढ़ावा दे रहा है, ग्रेवाल का मानना ​​है कि यह निर्णय देश भर में गतका के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी के लिए तैयारी पहले से ही चल रही है और एनजीएआई तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों में अपनी संबद्ध राज्य इकाइयों के साथ बैठकें कर रहा है

हरियाणा के खेलों में भी शामिल हो सकता है गतका खेल

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2 जुलाई 2023 को करनाल में राहगीरी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था , वहां पर गतका पार्टी के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि अधिकारी इस मामले में देखें कि क्या संभावनाएं है।

Gatka Game or गतका खेल

ऐसे में माना जा रहा है कि हरियाणा में भी गतका खेल को राज्य स्तरीय खेलों में शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गतका खेल , राज्य खेलों में शामिल होने पर निश्चित रूप से गतका का महत्व और बढ़ेगा।

Gatka Game During Gurus’ Period

According sikhiwiki.org website we can say that : Baba Budha Ji who witnessed the period of Sikh history from Guru Nanak to Guru Hargobind trained an army of Sikhs, called the Akali Sena or Budha Dal in Gatka.

6th Guru., Shi Guru Hargobind Ji The sixth guru led a soldierly life to infuse the spirit of self respect & honour among the hapless peasants, habituated to living as slaves for centuries & exploited by the Mughal invaders. During his time Gatka warriors successfully defended the Golden Temple of Amritsar from a Mughal siege.

9th Guru, Sri Guru Tegh Bahadar Ji was supposedly seen practising Gatka alone by the Mughal army, his speed and accuracy was both an alarming and surprising experience for them.

10th & last Guru. However the real lift of Gatka began in his son’s time Sri Guru Gobind Singh Ji who is and was described as the most perfect person on earth, as he was very intelligent and could speak and write a number of different languages with equal comfort.

He was spiritually blessed by his father and had great athletic abilities. He was known as the greatest master of weaponry of his time and it is assured that he was taught Gatka by his father and his followers from a very young age.

His ability was much admired by his army of followers and to this day the fact that he and his army fought and won so many battles against countless numbers of Mogul soldiers with a very limited amount of men and weapons, to this day leaves historians all over the world surprised.

10th master established the Khalsa (brotherhood) tradition, which unified the Sikh community into a powerful fighting force. He appended Ninth Guru, Guru Tegh Bahadur’s teachings to Adi Granth. Thus updated Adi Granth, was given the formal socio spritual status of the ‘ONLY Guru’ for the entire HUMANITY for times to come, by him.

The Sri Guru Granth Sahib on date is enlightening & guiding not only Sikhs of the world alone, but all other seekers as well on the path of Truthful Living.

It radiates universal love for each other as nothing but Human Beings, under the unseen (but not unknown) control of One Lord TRUTH. Compilation of ‘Sarab Loh Granth’ and the ‘Dasam Granth’ are other two works of his times.

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FAQ : –

Gatka Sports kya hai in Hindi ?

What is Gatka Game ? गतका एक सिक्खों की पारंपरिक युद्धक कला है। वर्तमान में भी सिक्खों के धार्मिक उत्सवों में इस कला का शस्त्र संचालन प्रदर्शन किया जाता है। सरकार ने इस भारतीय मार्शल आर्ट ‘गतका’ को खेल की मान्यता प्रदान कर दी है।

Gatka कौन से गुरु साहिब द्वारा शुरू किया गया?

गतका शब्द के जन्मदाता सिक्खों के छठे गुरु श्री हर गोविन्द साहिब (1606-1644) जी को ही माना जाता है।

Gatka का व्यास कितना है

यह आकार में गोल है, जिसकी माप 9 इंच 9 इंच (23 सेमी म 23 सेमी) है, और यह सूखे चमड़े से बना है। प्रतिद्वंद्वी द्वारा पूर्ण संपर्क के मामले में खिलाड़ी के हाथ की रक्षा के लिए इसे कपास या सूखी घास से भरा जाता है।

What is contact address of World Gatka Federation

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गतका किसने बनाया ?

दैनिक अभ्यास में लकड़ी की छड़ें आदर्श हैं। पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव, मुगलों द्वारा मारे जाने के बाद, उनके पुत्र गुरु हरगोबिंद ने उत्पीड़न से लड़ने के लिए गतका सीखने के विचार का प्रचार किया। बाद में, 17वीं शताब्दी में, गुरु गोबिंद सिंह , जिन्हें हथियार के मास्टर के रूप में जाना जाता है, ने इसे और विकसित किया।

गतका कौन से गुरु साहिब द्वारा शुरू किया गया ?

गतका शब्द के जन्मदाता सिक्खों के छठे गुरु श्री हर गोविन्द साहिब (1606-1644) जी को ही माना जाता है।

खालसा से क्या अभिप्राय है ?

खालसा सिख धर्म के विधिवत् दीक्षाप्राप्त अनुयायियों सामूहिक रूप है। खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोबिन्द सिंह जी ने १६९९ को बैसाखी वाले दिन आनंदपुर साहिब में की। इस दिन उन्होंने सर्वप्रथम पाँच प्यारों को अमृतपान करवा कर खालसा बनाया तथा तत्पश्चात् उन पाँच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया।

भारतीय मार्शल आर्ट क्या है ?

मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है और ये लड़ाई की कला से जुड़ा पंद्रहवीं शताब्दी का यूरोपीय शब्द है जिसे आज एतिहासिक यूरोपीय मार्शल आर्ट्स के रूप में जाना जाता है। मार्शल आर्ट के एक कलाकार को मार्शल कलाकार के रूप में संदर्भित किया जाता है।

भारत में नंबर 1 मार्शल आर्ट कौन है ?

विद्युत जामवाल भारतीय मार्शल आर्ट फॉर्म कलारीपयट्टू को वैश्विक पहचान दिलाते रहे हैं। अभिनेता कम उम्र से ही कला के रूप में प्रशिक्षण ले रहा है .

What is Meaning of Word ‘ Gatka ‘ ?

In sort , According to ‘Mahan Kosh’ edited by Kahan Singh Nabha, ‘Gatka – a three-hand span stick, used to teach the first part of club fighting. It has a leather covering. In the right hand holding a Gatka and in left hand a ‘Phari’, two men play with each other.

गतका की शुरुआत किसने की थी ?

माना जाता है कि गतका की उत्पत्ति तब हुई थी जब वें सिख गुरु हरगोबिंद ने मुगल युग के दौरान आत्मरक्षा के लिए ‘कृपाण’ को अपनाया था। दो या दो से अधिक अभ्यासियों के बीच छड़ी से लड़ने की एक शैली, गतका घातक शास्त्र विद्या का एक टोन्ड-डाउन संस्करण है।

गतका में किन हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है ?

Gatka- Sikh Martial Art This art form has graduated from bare-hand combat to using swords, kirpans, lathis, axes, wooden sticks , and more. एक लकड़ी की बांस की छड़ी के साथ मूल बातें सीखना शुरू करता है। बाद में, कृपाण का उपयोग किया जाता है।

Gatka Game of Which State ?

Gatka Game is a traditional Sports of Sikh dharm, mostly played in Punjab state.

Who Can playe Game of gatka ?

Anyone can play Gatka Game.

Gatka Khel Kis Dharm se juda hua hai ?

Gatka Khel Sikh Dharm se juda hua hai.

Gatka Khel Wikipedia in Hindi

Yes , This is link of Gatka Khel Wikipedia Hindi

गतका किस प्रांत का खेल है ?

गतका खेल वैसे तो पुरे भारत में खेला जाता है , परन्तु गतका मुख्य रूप से पंजाब प्रान्त के खेल है।

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