डिजी यात्रा (DIGI YATRA Kya Hai) – हवाई अड्डों पर यात्रियों की डिजिटल प्रोसेसिंग को कहा जाता है। इस डिजी यात्रा (DIGI YATRA) प्रणाली के तहत हवाई अड्डों के चेक प्वाइंट पर चेहरे की पहचान के आधार पर यात्रियों को स्वचालित रूप से संसाधित किया जाएगा। इससे यात्रिओं को काफी फायदा होने वाला है.
इससे जहाँ हवाई अड्डों पर चेकिंग के दौरान व्यर्थ में जाने वाला समय बच जायेगा , वहीँ एयरपोर्ट पर स्टाफ को भी भीड़ से छुटकारा मिल सकेगा। यह डिजी यात्रा (DIGI YATRA) योजना एंट्री पॉइंट चेक, एंट्री इन सिक्योरिटी चेक, एयरक्राफ्ट बोर्डिंग, इसके अतिरिक्त यह पैक्स और डेटा रिकॉल की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान का उपयोग करते हुए सेल्फ-बैग ड्रॉप और चेक-इन की सुविधा भी देगा।
डिजी यात्रा कागज रहित यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी और कई बिंदुओं पर यात्री की पहचान की जांच केवल DIGI तरीके से होने समय भी बचेगा।
क्या है डिजी यात्रा (DIGI YATRA)
नागरिक उड्डयन मंत्रालय डिजी यात्रा (DIZI YATRA) प्लेटफॉर्म के माध्यम से हवाई यात्रियों के लिए एक डिजिटल अनुभव जोड़ रहा है। ‘डिजी यात्रा’ देश को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय द्वारा समन्वित एक उद्योग के नेतृत्व वाली पहल है।
क्या डिजी यात्रा अगस्त 2022 में वाराणसी और बेंगलुरु के हवाई अड्डों पर शुरू हो जाएगी ?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक 18 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी जिसमे चर्चा का मुख्य विषय “डिजी यात्रा” था। इस समिति के सदस्य सांसदों ने बैठक में भाग लिया और इस परियोजना को लेकर कुछ बहुमूल्य सुझाव दिए। डिजी यात्रा” की पृष्ठभूमि बताते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि चेहरा पहचान प्रणाली (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध प्रोसेसिंग को हासिल करने के लिए ये परियोजना सोची गई है।
इस परियोजना का मूल विचार ये है कि कोई भी यात्री बिना किसी कागज़ के या बिना कोई संपर्क किए विभिन्न चेक पॉइंट से गुजर सके। इसके लिए उसके चेहरे के फीचर्स का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उसकी पहचान स्थापित होगी। यह सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में गोपनीयता के मुद्दों का ध्यान रखा गया है।
ये एक विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट आधारित पहचान प्रबंधन प्लेटफॉर्म मुहैया करता है जो कि सस्ता भी है और डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में गोपनीयता/डेटा सुरक्षा मुद्दों को भी संबोधित करता है। संशोधित डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों की मंजूरी के बाद 18 अप्रैल 2022 को डीजीसीए द्वारा एक एआईसी (वैमानिकी सूचना परिपत्र) प्रकाशित किया गया है।
डिजी यात्रा नामांकन प्रक्रिया क्या है/ DIGI YATRA registration process
दोस्तों , कोई भी यात्री (DIGI YATRA) के लिए निम्नलिखित तरीका अपना कर एक केंद्रीय प्रणाली में डिजी यात्रा आईडी बना सकते है :
- नाम
- ईमेल आईडी
- मोबाइल नंबर
- पहचान का विवरण (मतदाता आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार आदि)
ये सभी दस्तावेज जमा करने पर डिजी यात्रा (DIGI YATRA) आईडी बनाई जाएगी। टिकट बुक करते समय पैक्स इस नंबर को उद्धृत कर सकता है। डिजी यात्रा आईडी सहित पैक्स डेटा एयरलाइंस द्वारा प्रस्थान हवाई अड्डे पर भेजा जाएगा।
पहली यात्रा पर, आईडी को मान्य करने के लिए पैक्स को हवाई अड्डे पर पंजीकरण कियोस्क पर जाना होगा। - आधार के मामले में सत्यापन ऑनलाइन होगा।
- अन्य आईडी के मामले में, सीआईएसएफ मैन्युअल रूप से सत्यापित करेगा।
- सफल सत्यापन पर पैक्स की फोटो केंद्रीय प्रणाली में डिजी यात्रा प्रोफाइल में जोड़ दी जाएगी।
Kya डिजी यात्रा (DIGI YATRA) से हवाई अड्डे पर प्रक्रियाएं होंगी कम
- डिजी यात्रा (DIGI YATRA) के दौरान ई-गेट पर पैक्स अपने बोर्डिंग पास या ई-टिकट (मोबाइल में प्रिंट या सॉफ्ट कॉपी) को स्कैन करेगा।
- बार कोड/क्यूआर कोड को स्कैन करने पर सिस्टम यात्री विवरण और उड़ान विवरण को मान्य करेगा।
- डिजी यात्रा आईडी फेस रिकग्निशन द्वारा पहचान की पुष्टि करेगी।
- टिकट और डिजी यात्रा आईडी के सफल सत्यापन पर ई-गेट खुल जाएगा। साथ ही, फेस विद टिकट पीएनआर को हवाई अड्डे पर शेष यात्रा के लिए एक ही टोकन में बनाया जाता है।
- चेहरे की पहचान प्रणाली पर संचालित ई-गेट के माध्यम से यात्री सुरक्षा क्षेत्र और विमान बोर्डिंग में प्रवेश प्राप्त करेंगे।
डिजी यात्रा (DIJI YATRA) प्रणाली के क्या लाभ हैं ?
डिजी यात्रा (DIJI YATRA) प्रणाली के कई लाभ होंगे जैसे पैक्स को कई चेक प्वाइंट पर बोर्डिंग पास या आईडी दिखाने की जरूरत नहीं है।
इस प्रणाली के तहत न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप होगा और इससे पारदर्शिता आएगी। अपनी पहचान बताने या दिखाने के लिए कतारबद्ध होने ने लगने वाले समय में कमी आएगी।
डिजी यात्रा (DIGI YATRA) प्रणाली पीएनआर के साथ यात्री को मैप करेगा। प्रत्येक चेक प्वाइंट पर केवल प्रामाणिक यात्री को ही प्रवेश की अनुमति होगी। हवाईअड्डा संचालक के पास यात्री भार की वास्तविक समय की जानकारी होगी और इससे संसाधन नियोजन बेहतर हो जाएगा।
यही नहीं इससे हवाईअड्डे में यात्रियों की स्थिति जानने से एयरलाइंस को भी फायदा होगा।
डिज़ी यात्रा में यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक कौन होगा
दोस्तों , आपको बता दें कि कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत वर्ष 2019 में एक संयुक्त उद्यम कंपनी के तौर पर डिजी यात्रा फाउंडेशन (डीवाईएफ) को स्थापित किया गया था । इसके शेयरधारक एएआई (26% शेयर) और बीआईएएल, डीआईएएल, जीएचआईएएल, एमआईएएल और सीआईएएल हैं। इन 5 शेयरधारकों के पास शेष 74% शेयर समान रूप से हैं। इस फाउंडेशन को डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) निर्मित करने के मकसद से बनाया गया था।
डिजी यात्रा फाउंडेशन दरअसल एक अखिल भारतीय इकाई और यात्री आईडी सत्यापन प्रक्रिया का संरक्षक होगा। ये भारत में विमानन हितधारकों के बीच आम सहमति भी विकसित करेगा। ये स्थानीय हवाई अड्डा प्रणालियों के अनुपालन और दिशा-निर्देशों के मानदंडों को भी परिभाषित करेगा। ये संयुक्त उद्यम, स्थानीय हवाई अड्डा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली (बीबीएस) के लिए डिजी यात्रा दिशा-निर्देशों द्वारा परिभाषित विभिन्न अनुपालनों और दिशा-निर्देशों (सुरक्षा, इमेज क्वालिटी, डेटा की गोपनीयता पर दिशा-निर्देश सहित) के नियमित ऑडिट करेगा।
पहले चरण में डिजी यात्रा को अगस्त 2022 में वाराणसी और बेंगलुरु के दो हवाई अड्डों पर और अगले साल मार्च तक पुणे, विजयवाड़ा, कोलकाता, दिल्ली और हैदराबाद के पांच हवाई अड्डों पर शुरू करने का प्रस्ताव है। एएआई उन हवाई अड्डों की पहचान करेगा जहां डिजी यात्रा को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
क्या वर्ष 2026 तक 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ?
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के चार हवाईअड्डे नामत: वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा और तीन संयुक्त उद्यम हवाईअड्डे नामत: हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एचआईएएल), बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल), और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ) ने केवल ‘यात्रा दिवस’ के लिए पंजीकरण के साथ डिजी यात्रा बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली का प्रारंभिक परीक्षण पूरा कर लिया है।
इसके अलावा, यह हवाई अड्डों, एयरलाइनों आदि के संसाधनों के इष्टतम उपयोग की सुविधा प्रदान करेगा। डिजी यात्रा सेंट्रल इको-सिस्टम को निर्बाध अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए इंटरऑपरेबिलिटी के लिए आईएटीए ट्रैवल पास की वैश्विक प्रक्रियाओं से जोड़ा गया है।
डिजी यात्रा (DIGI YATRA) योजना को चरणबद्ध तरीके से विभिन्न हवाई अड्डों पर लागू किया जाना है। पहले चरण में, इसे वर्ष 2022 में चयनित हवाई अड्डों पर लाइव करने की योजना है। एएआई ने अगले 4-5 वर्षों में 25,000 करोड़ रुपये, जिसमें मौजूदा टर्मिनलों का विस्तार और संशोधन, नए टर्मिनलों की स्थापना, मौजूदा रनवे का विस्तार या सुदृढ़ीकरण, एप्रन, एयरपोर्ट नेविगेशन सर्विसेज (एएनएस), कंट्रोल टावर, तकनीकी ब्लॉक आदि पर खर्च करने की योजना है।
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FAQ :
What is DIJI Yatra ?
The Ministry of Civil Aviation has released the Policy on biometric based digital processing of passengers at Airports called “Digi Yatra”. DigiYatra envisages a connected ecosystem enhancing the seamless travel experience for the passengers and simultaneously improving the security.
When start completely paperless boarding of domestic flights according to DIJI Policy?
The first phase of Digi Yatra — completely paperless boarding of domestic flights (international requires passports) — will be rolled out at the Bengaluru and Varanasi airports from August 15, 2022.
What is aim of Digi Yatra ?
Digi Yatra aims to achieve contactless, seamless processing .
What is digital airport according to DIGI YATRA?
DAP is a digital platform that drives delightful door-to-door passenger journeys at and around your airport. DAP covers all channels and is designed with a modular approach that makes it easily adaptable to your airport needs.
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