वर्ष 2022 से भारत में Tele Law Service फ्री होगी . टेली लॉ सर्विस भारत में अब फ्री होगी, इसकी घोषणा 16 जुलाई 2022 को भारत के केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक के दौरान की है। What is Tele Law Service , लोगों को टेली लॉ के फायदे क्या होंगे , टेली लॉ की विशेषताएं और इससे सर्विस से किन लोगों को लाभ होगा , यह सब हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताएँगे।
टेली लॉ सर्विस क्या है (What is Tele Law service)
दोस्तों , भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमजोर वर्गों के लिए निःशुल्क कानून सहायता की व्यवस्था की गई है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22 (1) के तहत राज्य का यह उत्तरदायित्व है कि वह सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित करें। समानता के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को सक्षम विधि सेवाएं प्रदान करने के लिए एक तंत्र की स्थापना करने के लिए वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पास किया गया।
इसी के तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन किया गया। इसका काम कानूनी सहयता कार्यक्रम लागू करना और उसका मूल्यांकन एवं निगरानी करना है। साथ ही, इस अधिनियम के अंतर्गत कानूनी सेवाएं उपलब्ध कराना भी इसका काम है।भारत की सरकार ने वर्ष 1987 में गरीबों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएंँ प्रदान करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण (LSA) अधिनियम को अधिनियमित किया था जिसने राज्य, ज़िला और तालुका स्तर पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Service Authority-NALSA) और अन्य कानूनी सेवा संस्थानों के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।
नालसा अन्य कानूनी सेवा संस्थानों के साथ लोक अदालतों का आयोजन करता है। लोक अदालत वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में से एक है, यह एक ऐसा मंच है जहांँ कानून की अदालत में या पूर्व मुकदमेबाजी के स्तर पर लंबित विवादों/मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाया किया जाता है।
LSA अधिनियम के तहत मुफ्त कानूनी सेवाएंँ अनुसूचित जनजाति (Schedule Tribe) और अनुसूचित जाति (Schedule Caste) से संबंधित व्यक्ति, महिला, बच्चे, मानव तस्करी के शिकार, दिव्यांगजन, औद्योगिक कामगार और गरीबों हेतु उपलब्ध हैं।
टेली लॉ से संबंधित संवैधानिक प्रावधान :
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 (क) में सभी के लिये न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमज़ोर वर्गों के लिये राज्य द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करने को कहा गया है।अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है।
टेली लॉ(Tele Law) क्या है : टेली लॉ(Tele Law) का अर्थ है कि कानूनी जानकारी और सलाह के वितरण के लिए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग वकीलों और लोगों के बीच ई-बातचीत सीएससी (common service centre ) पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जाएगी। भारत में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त में कानूनी सहायता देने के लिए टेली लॉ(Tele Law) सर्विस योजना को वर्ष 2017 में शुरू किया गया था .
इस योजना के तहत कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जिस किसी व्यक्ति को सलाह की जरूरत होती है वह दिल्ली में बैठे वकीलों से मुफ्त में कानूनी सहायता ले सकता है। संचार व सूचना तकनीकी का इस्तेमाल करके ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को दिल्ली में बैठे वकीलों से ई-संवाद जोकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉमन सर्विस सेंटर में उपस्थित वकीलों के एक पैनल के माध्यम से कानूनी सूचना व कानूनी सलाह टेली लॉ के तहत प्रदान करते हैं।
अब केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू की घोषणा के बाद टेली लॉ के माध्यम से कॉमन सर्विस सेंटर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली में बैठे वकीलों से कानूनी सलाह निशुल्क प्राप्त कर सकेंगे।
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री ने क्या कहा टेली लॉ सर्विस के बारे में ?
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने 16 जुलाई 2022 को जयपुर में 18वीं अखिल भारतीय विधिक सेवा बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष से देश में नागरिकों के लिए टेली-लॉ सेवा नि:शुल्क की जा रही है। टेली-लॉ ने कानूनी सहायता से वंचित व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) में उपलब्ध टेली/वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से इसे पैनल अधिवक्ताओं के साथ जोड़कर उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है।
आसान और सीधी पहुंच के लिए टेली-लॉ मोबाइल एप्लिकेशन (एंड्रॉइड और आईओएस दोनों) का भी 2021 में शुभारंभ किया गया और यह वर्तमान में 22 अनुसूचीबद्ध भाषाओं में उपलब्ध है। इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाते हुए, टेली-लॉ ने केवल पांच वर्षों में कानूनी सेवाओं की पहुंच के दायरे का 20 लाख से अधिक लाभार्थियों तक विस्तार कर दिया है।
आयोजन के दौरान विधि और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कानूनी सेवाओं के एकीकृत वितरण पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समझौता ज्ञापन सभी के लिए न्याय के उद्देश्य को आगे बढ़ाने और नागरिकों के बीच सबसे व्यापक स्तर के एकीकरण कारक के रूप में कानून के शासन को स्थापित करने की हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
समझौता ज्ञापन के प्रावधान के तहत नालसा प्रत्येक जिले में विशेष रूप से टेली-लॉ कार्यक्रम के लिए 700 अधिवक्ताओं की सेवाएं प्रदान करेगा। पैनल में शामिल ये अधिवक्ता अब रेफरल अधिवक्ताओं के रूप में भी कार्य करेंगे और मुकदमेबाजी से पहले के चरण में विवाद से बचने और विवाद समाधान के तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करेंगे। श्री किरेन रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि एसोसिएशन कुछ ही समय में 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचने में भी सहायता प्रदान करेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री किरेन रिजिजू ने विचाराधीन कैदियों की रिहाई के माध्यम से जेलों की भीड़भाड़ कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। नालसा अपने एसएलएसए और डीएलएसए के माध्यम से पहले से ही इस संबंध में विचाराधीन समीक्षा समिति (यूटीआरसी) के जरिए विचाराधीन कैदियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता/कानूनी परामर्शदाता उपलब्ध करा रहा है। पिछले वर्ष के दौरान यूटीआरसी की कुल 21,148 बैठकें आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप 31,605 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया गया।
मंत्री महोदय ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों से विचाराधीन कैदियों को कानूनी परामर्श/सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को और तेज करने की अपील की ताकि विचाराधीन समीक्षा समिति के समन्वय से अधिक से अधिक विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा सके। उन्होंने उच्च न्यायालयों से इस अवधि के दौरान संबंधित जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में यूटीआरसी की नियमित बैठकें सुनिश्चित करने की अपील की ताकि जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की अधिकतम संख्या को 15 अगस्त, 2022 से पहले रिहा करने की सिफारिश की जा सके।
उन्होंने कहा कि विचाराधीन कैदियों की रिहाई संभव हो सकती है। इस संदर्भ में देखा जा सकता है कि “आजादी का अमृत महोत्सव” के उत्सव के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने पहले ही कैदियों को विशेष छूट देने का फैसला किया है, जिसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
अपने संबोधन के समापन पर श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि न्याय तक पहुंच को भारत के संविधान के तहत निर्धारित हमारे कानूनी ढांचे के एक अभिन्न अंग के रूप में मान्यता दी गई है और इस अवधारणा को साकार करने तथा अब तक किए गए कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरणों और सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता है।
देश के कौन – कौन से महत्वाकांक्षी जिलों में टेली लॉ के तहत CSC सेंटर बनाये गए हैं ?
यह टेली लॉ प्रोग्राम देश के प्रायोगिक राज्यों में प्राप्त व्यापक प्रतिक्रिया और न्याय तक पहुंच की दिशा में पहले कदम के रूप में आम आदमी के लिए कानूनी सलाह प्राप्त करने की तात्कालिकता के आधार पर न्याय विभाग के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जिसे भारत की नवगठित सरकार के 100 दिनों के कार्यक्रम के एक भाग के रूप में भी चिह्नित किया गया है। इसी क्रम में, अब इसका उद्देश्य टेली-लॉ कार्यक्रम का विस्तार 27 राज्यों के 112 महत्वाकांक्षी जिलों में करना है, जिन्हें अल्प-विकास के क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है।
इन 112 जिलों को पिछड़े के बजाय महत्वाकांक्षी के रूप में वर्णित किया गया है ताकि उन्हें संकट और निराशा के क्षेत्रों के बजाय आशा और अवसर के द्वीप के रूप में देखा जा सके। महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचे और कौशल के सूचकांकों पर मापा जा रहा है। According to Government sources on date 17 July 2022 following details :–
Tele Law Service राज्य एवं जिला वाइज CSC’s की संख्या कवरेज
Sr.No. | State Name | District Name | CSCs की संख्या |
---|---|---|---|
1 | आंध्र प्रदेश | Vizianagaram | 242 |
2 | आंध्र प्रदेश | Visakhapatanam | 238 |
3 | आंध्र प्रदेश | Y.S.R. | 213 |
4 | अरुणाचल प्रदेश | Namsai | 3 |
5 | असम | Goalpara | 93 |
6 | असम | Barpeta | 129 |
7 | असम | Hailakandi | 76 |
8 | असम | Baksa | 56 |
9 | असम | Darrang | 104 |
10 | असम | Udalguri | 127 |
11 | असम | Dhubri | 204 |
12 | बिहार | Sitamarhi | 297 |
13 | बिहार | Araria | 234 |
14 | बिहार | Purnia | 272 |
15 | बिहार | Katihar | 225 |
16 | बिहार | Muzafarpur | 287 |
17 | बिहार | Begusarai | 222 |
18 | बिहार | Khagaria | 124 |
19 | बिहार | Banka | 165 |
20 | बिहार | Sheikhpura | 62 |
21 | बिहार | Aurangabad | 212 |
22 | बिहार | Gaya | 272 |
23 | बिहार | Nawada | 148 |
24 | बिहार | Jamui | 137 |
25 | छत्तीसगढ | Korba | 303 |
26 | छत्तीसगढ | Rajnandgaon | 349 |
27 | छत्तीसगढ | Mahasamund | 425 |
28 | छत्तीसगढ | Kanker | 280 |
29 | छत्तीसगढ | Narayanpur | 41 |
30 | छत्तीसगढ | Dantewada | 102 |
31 | छत्तीसगढ | Bijapur | 164 |
32 | छत्तीसगढ | Bastar | 330 |
33 | छत्तीसगढ | Kondagaon | 116 |
34 | छत्तीसगढ | Sukma | 63 |
35 | गुजरात | Dahod | 332 |
36 | गुजरात | Narmada | 121 |
37 | हरियाणा | Mewat | 302 |
38 | हिमाचल प्रदेश | Chamba | 211 |
39 | जम्मू-कश्मीर | Kupwara | 190 |
40 | जम्मू-कश्मीर | Baramula | 188 |
41 | झारखंड | Garhwa | 145 |
42 | झारखंड | Chatra | 143 |
43 | झारखंड | Giridih | 304 |
44 | झारखंड | Godda | 176 |
45 | झारखंड | Sahibganj | 121 |
46 | झारखंड | Pakur | 113 |
47 | झारखंड | Bokaro | 215 |
48 | झारखंड | Lohardaga | 59 |
49 | झारखंड | Purbi Singhbhum | 166 |
50 | झारखंड | Palamu | 251 |
51 | झारखंड | Latehar | 94 |
52 | झारखंड | Hazaribagh | 193 |
53 | झारखंड | Ramgarh | 111 |
54 | झारखंड | Dumka | 175 |
55 | झारखंड | Ranchi | 209 |
56 | झारखंड | Khunti | 53 |
57 | झारखंड | Gumla | 123 |
58 | झारखंड | Simdega | 53 |
59 | झारखंड | Pashchimi Singhbhum | 98 |
60 | कर्नाटक | Raichur | 149 |
61 | कर्नाटक | Yadgir | 95 |
62 | केरल | Wayanad | 24 |
63 | मध्य प्रदेश | Chhatarpur | 453 |
64 | मध्य प्रदेश | Damoh | 368 |
65 | मध्य प्रदेश | Barwani | 155 |
66 | मध्य प्रदेश | Rajgarh | 367 |
67 | मध्य प्रदेश | Vidisha | 345 |
68 | मध्य प्रदेश | Guna | 333 |
69 | मध्य प्रदेश | Singrauli | 315 |
70 | मध्य प्रदेश | Khandwa | 315 |
71 | महाराष्ट्र | Nandurbar | 290 |
72 | महाराष्ट्र | Washim | 307 |
73 | महाराष्ट्र | Gadchiroli | 396 |
74 | महाराष्ट्र | Osmanabad | 391 |
75 | मणिपुर | Chandel | 10 |
76 | मेघालय | Ri-bhoi | 39 |
77 | मिजोरम | Mamit | 17 |
78 | नागालैंड | Kiphire | 10 |
79 | उड़ीसा | Dhenkanal | 148 |
80 | उड़ीसा | Gajapati | 72 |
81 | उड़ीसा | Kandhamal | 112 |
82 | उड़ीसा | Balangir | 285 |
83 | उड़ीसा | Kalahandi | 214 |
84 | उड़ीसा | Rayagada | 91 |
85 | उड़ीसा | Koraput | 103 |
86 | उड़ीसा | Malkangiri | 77 |
87 | उड़ीसा | Nawarangpur | 96 |
88 | उड़ीसा | Nuapada | 45 |
89 | पंजाब | Moga | 366 |
90 | पंजाब | Firozpur | 766 |
91 | राजस्थान | Dholpur | 108 |
92 | राजस्थान | Karauli | 165 |
93 | राजस्थान | Jaisalmer | 128 |
94 | राजस्थान | Sirohi | 90 |
95 | राजस्थान | Baran | 214 |
96 | सिक्किम | West Sikkim | 15 |
97 | तमिलनाडु | Virudhunagar | 473 |
98 | तमिलनाडु | Ramanathapuram | 118 |
99 | तेलंगाना | Asifabad | 0 |
100 | तेलंगाना | Bhopalapalli | 0 |
101 | तेलंगाना | Bhadradri – Kothagudem | 0 |
102 | त्रिपुरा | Dhalai | 62 |
103 | उत्तर प्रदेश | Chitrakoot | 241 |
104 | उत्तर प्रदेश | Fatehpur | 304 |
105 | उत्तर प्रदेश | Bahraich | 324 |
106 | उत्तर प्रदेश | Shrawasti | 223 |
107 | उत्तर प्रदेश | Balrampur | 271 |
108 | उत्तर प्रदेश | Siddharthnagar | 453 |
109 | उत्तर प्रदेश | Chandauli | 331 |
110 | उत्तर प्रदेश | Sonbhadra | 340 |
111 | Uttrakhand | Udham Singh Nagar | 204 |
112 | Uttrakhand | Haridwar | 223 |
कुल | 21,502 |
टेली लॉ (Tele Law)का उद्देश्य Purpose of Tele Law
भारत सरकार द्वारा टेली लॉ (Tele Law) सर्विस शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को उनके घर के पास ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अथवा टेलीफोन के जरिए वकीलों द्वारा फ्री में कानूनी सलाह व जानकारी देना है।
टेली लॉ सर्विस के लिए सहायता के इच्छुक व्यक्ति को किन डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ेगी ?
आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अवसर पर जो भी पात्र व्यक्ति Tele Law Service के माध्यम से किसी प्रकार की कानूनी सहायता चाहता है तो उसको कोई भी उपयुक्त दस्तावेज़ (जहाँ लागू हो) प्रदान करने की आवश्यकता होगी। यदि नागरिक एलएसए, अधिनियम, 1987 की धारा 12 की श्रेणी से संबंधित है, तो उसे इसका प्रमाण देना होगा। प्रमाण के रूप में स्वीकार किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची यहां दी गई है :
S.No | Categories of Marginalized persons (Section 12 of Legal Services Authorities Act 1987) | Fees For Tele Law Service | Documents to be brought to CSC for Registration |
---|---|---|---|
1 | Women | Nil | Nil |
2 | Children( Below 18 years of age) | Nil | Nil |
3 | SC / ST | Nil | Caste Certificate |
4 | Victims of Trafficking | Nil | Self- Declaration /Copy of Police FIR /Affidavit |
5 | Mentally Ill and Differently abled | Nil | Disability Certificate |
6 | Victims of Natural Disaster/Ethnic Violence | Nil | District |
7 | Workers in unorganized Sector | Nil | Job Card / MGNREGA Card |
8 | People with low income groups (Income as specified by State) | Nil | BPL Card /Income Certificate |
9 | Under trials /In custody | Nil | Any relevant Case document |
10. | Persons other than those mentioned above | 30/- | Aadhar Card / Any ID proof |
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FAQ :
When launched the Citizen’s Tele-Law Mobile App. for Tele Law service ?
On 13 NOV 2021 Union Minister of Law and Justice Shri Kiren Rijiju launched the Citizen’s Tele-Law Mobile App.
When was launched Tele Law service ?
Tele Law service was launched in 2017 .
What is fees of Tele Las Service ?
When Tele Law Service was launched in 2017 , then The consultation was available free of cost to those entitled for free legal aid under Section 12 of Legal Service Authority, whereas Others could avail at Rs 30/ per consultation. But on 16 July 2022 Union Minister of Law and Justice Shri Kiren Rijiju announced free for all citizens of India.
What is mascot of Tele Law service , when released ?
A woman Lawyer . Mascot of Tele Law service was released of Tele-Law Mascot on 28 January , 2022 .
What is Tele Law Service ?
Tele-law is a service uses video conferencing facility and telephone services to connect lawyers to litigants who need legal advice. This service aims to reach out to the needy especially the marginalized and disadvantaged. The service is provided through Common Service Centers or CSCs located at gram panchayat level. For more information click on http://www.tele-law.in
Where is Tele Law Service available ?
Since 2017 Tele law service has been provided in selected 1800 CSCs of 11 states: Bihar (500), Uttar Pradesh (500), eight states of North-East (Assam, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Arunachal Pradesh, Manipur, Tripura and Sikkim) and Jammu and Kashmir (800).
At present Tele- Law service is available in 28060 CSCs in 112 Aspirational Districts across 28 states in the country.
For more information to find CSCs in Aspirational Districts click on
http://www.tele-law.in/static/tele-law-aspirational-districts.php
What is CSC in Tele law service programe ?
CSCs are shops/Kiosks that deliver various government services online like public utility services, social welfare schemes, healthcare, financial, education and agriculture services to citizens in rural and remote areas of the country.
Common Service Centre (CSC) is one of the mission mode projects under the Digital India Programme run by Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY). There are approximately 4 lakh CSCs in India. CSCs are located in Gram Panchayats.
Is this Tele Law Service website available in regional languages ?
Yes , the Tele-law Service website can be accessed and is available in 22 official languages.
Who all can get advice through Tele Law Service ?
Legal advice is made available to everyone under Tele-Law service Advice is free of Cost to those who are eligible for free legal aid under Section 12 of LSA Act,1987
– Women
– Children
– Persons belonging to Scheduled Caste and Scheduled Tribe
– Victims of Trafficking
– Mentally ill and differently abled people
– Victims of natural disaster/ethnic violence
– Workers in unorganized /industrial workers
– Under trials
– People of low income group
– For all others a nominal fee of Rs. 30/- charged for each consultation. http://www.tele-law.in/static/citizens-eligible.php but it will be free soon for all citizens .
Who is PLV ? What is role of PLV in Tele Law Service ?
PLV is a Para- Legal Volunteer deployed in your area by District Legal Services Authority (DLSA) or CSC e- Governance Services India Ltd for facilitating Tele-Law Service.
Under the Tele-law program a PLV is attached with the selected CSC in your village. A PLV is not a lawyer but has basic understanding and knowledge of legal process and laws.
A PLV will :
– provide information about Tele Law Service to citizens in community gatherings and public places,
– Identify citizens in rural and remote areas in need of legal advice and information
– understand nature of the legal issue faced by the citizen
– facilitate registration of case at CSC;
– ensure that the persons availing free legal service must have the required documents;
– may ask for documents such as Adhaar for filling the case registration form;
– facilitate pre-appointment with panel lawyer,
– connect citizen to the Panel Lawyers through video conferencing facility at the CSC;
– If the need arise PLV, with the consent of the applicant can be a part of the consultation to make the applicant understand the legal advice given by the Panel Lawyer;
– keep track of progress of the applicant’s cases/grievances and maintain a record of the same;
What is Tele Law mobile application ?
Tele-Law mobile application is an application developed to enable pre-registration of cases for legal advice and to provide a choice to the beneficiary to seek his/her preferred date and time for legal advice and consultation .
What are the numbers of cases registered till today in Tele law Service ?
As on 17.07.2022 Number of cases registered 21,94,336 and advice enable cases are 20,77,552 in Tele Law Service .
What is National Legal Services Authority (NALSA) and when constituted ?
The National Legal Services Authority (NALSA) has been constituted under the Legal Services Authorities Act, 1987 to provide free Legal Services to the weaker sections of the society and to organize Lok Adalats for amicable settlement of disputes.
Hon’ble Mr. Justice N. V. Ramana, The Chief Justice of India is the Patron-in-Chief. NALSA is housed at Supreme Court of India, Tilak Marg, New Delhi, Delhi(110001).
Who is Patron-in-Chief of National Legal Services Authority (NALSA) ?
On date 17 July , 2022 Hon’ble Mr. Justice N. V. Ramana, The Chief Justice of India is the Patron-in-Chief. NALSA is housed at Supreme Court of India, Tilak Marg, New Delhi, Delhi(110001).
नमस्कार दोस्तों! मैं इस वेबसाइट का एडमिन हूँ, इसमें मैं विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी ,सूचनाएं देने की कोशिश करता हूँ , यह जानकारी विभिन्न श्रोतीं से एकत्रित की गई हैं। मैं इनके पूर्ण रूप से सही होने का दावा नहीं करता। यहाँ दी गई जानकारी के आधार पर कोई कदम उठाने से पहले आप मूल स्रोत से सही सूचना अवश्य ज्ञात कर लें। किसी लेख में त्रुटि के सुधार के लिए digitalsewa1011 @gmail.com पर हमेशा आपके सुझाव आमंत्रित हैं। सहयोग के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !