हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 13 जून 2022 को चंडीगढ़ से हरयाणा प्रदेश के लिए ‘सुजल’ पहल ( Sujal Initiative) का शुभारंभ किया। वाटर सप्लाई मैनेजमैंट की दिशा में Start की गई राज्य की यह अनूठी initiative जल संरक्षण के क्षेत्र में Banchmark साबित होगी।
Importance of Sujal Initiative
हमारे धरती का तीन चौथाई भाग पानी से घिरा हुआ है परन्तु यह भी सच्चाई है कि पीने योग्य पानी की मात्रा बहुत कम रह गयी है, जल का conservation करना बहुत आवश्यक है. जमीन के अंदर से पानी की अधिक मात्रा में खिंचाई होने के कारण जल का लेवल और कम होता जा रहा है, इसके अलावा polluted पानी होने के कारण उपयोग में नही ले पा रहे है, यह आने वाले समय मे घोर संकट का इसारा है। इसलिए हमें अभी से सचेत हो जाना चाहिए और पानी का अधिक से अधिक संरक्षण करना चाहिए। ऐसे में हरयाणा सरकार ने जो सुजल पहल आरम्भ करने का जो कदम उठाया है ,वह सराहनीय है.
जल प्रदूषण है कई बिमारियों की जड़
हम सब जानते हैं कि आज के युग में पानी भी बिकने लगा है। अमीर लोग तो पैसे से खरीदकर अच्छा व् शुद्ध पानी पी सकते हैं, लेकिन गरीब व्यक्ति जमीन से निकला हुआ साधारण पानी ही पीने को मजबूर है. ऐसे में आम आदमी का ख्याल रखते हुए हरयाणा सरकार ने sujal initiative का जो कदम उठाया है, आगे चलकर उसके बेहतरीन परिणाम मिलेंगे.
जल प्रदूषण से बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जल प्रदूषण से मानव जाति को ही नुकसान नही पहुचता बल्कि पानी में रहने वाले जीव व् पशु पक्षियों को भी इससे हानि पहुँचती है। अनेक ऐसे कारखाने हैं, जिनसे polluted जल निकलता है और सीधे नदियों नहरों तालाबों आदि में जाकर मिलता है. लोग जब इस जल को पीते हैं तो लोगों को हैजा, मलेरिया, टाइफाइड, हैपेटाइटिस, दस्त और भी अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
Sujal initiative करता है प्रदूषित जल का उपाय
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ‘सुजल’ पहल का शुभारंभ करते हुए कहा कि वाटर सप्लाई मैनेजमैंट की दिशा में आरंभ की गई राज्य की यह अनूठी Sujal initiative जल संरक्षण के क्षेत्र में बैंचमार्क साबित होगी।
मनोहर लाल ने पायलट के तौर पर पंचकूला के लिए इसकी शुरूआत करते हुए कहा कि ‘सुजल’ पहल एक अनोखी पहल है जो पर्यावरण के अनुकूल है और इसके कारण हम पानी की स्ट्रक्चर्ड सप्लाई के साथ-साथ संसाधनों की बचत और वित्तीय बचत भी कर सकेंगे। उन्होंने इस पहल के लिए पंचकूला के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी पहलों के कारण ही हम पर्यावरण का बचाव कर सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी संसाधनों को बचा कर रख सकते हैं। पंचकूला में सफल होने के बाद इस पहल को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
जल ही जीवन है और यह जल हम सब के लिए केवल एक संसाधन ही नहीं बल्कि अमूल्य अमृत है जिसका न कोई विकल्प है और न ही कोई अंतहीन स्रोत, इसीलिए यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम जल का संरक्षण करें। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण इसी जिम्मेदारी की ओर कदम उठाते हुए ‘सुजल’ योजना आरंभ करने जा रहा है।
यह हरियाणा प्रदेश का ऐसा पहला इनिशिएटिव Sujal initiative है,जो वाटर सप्लाई मैनेजमेंट द्वारा जल संरक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी का प्रयोग हर क्षेत्र में हो रहा है। उन्होंने कहा कि वाटर सप्लाई मैनेजमेंट में भी टेक्नोलॉजी के प्रयोग से ऐसे सुधार लाए जा सकते हैं, जिनसे जल संरक्षण तो होगा ही,साथ में वित्तीय बचत भी होगी।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के हर एक पेयजल के मीटर , ट्यूबवेल व कनेक्शन में एक उपकरण लगाया जाएगा जिसमें ऑनलाइन क्लाउड स्टोरेज रहेगी। इस Sujal initiative से पानी की सप्लाई पर निगरानी रखी जाएगी और पानी के प्रवाह को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। इस इनोवेशन से अधिकारी अपने ऑफिस में बैठ कर ही व्यर्थ बह रहे पानी के बहाव को देख कर रोक सकते हैं और पानी का बचाव कर सकते हैं।
इस Sujal initiative टेक्नोलॉजी से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले हर घर में व हर कमर्शियल साइट पर पानी के प्रवाह को मापना आसान हो जाएगा। यह भी पता चल जाएगा कि कौन से कनेक्शन व मीटर निष्क्रिय हैं ताकि उन्हें बंद किया जा सके। यह सारी जानकारी एक डैशबोर्ड पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि सभी सम्बंधित अधिकारी इस प्रक्रिया पर नजर रख सकें।
इस Sujal initiative से अवैध कनेक्शनों को ट्रैक करके उनको बंद करना आसान हो गया है, और प्राधिकरण इसकी मदद से नागरिकों से जुर्माने की राशि भी ले सकेगा। प्राधिकरण ने इस पहल के बल पर कई और उपलब्धियों को प्राप्त करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, टर्शियरी जल का उपयोग पार्कों व ग्रीन बेल्ट्स में 14 एमएलडी से बढ़कर 30 एमएलडी तक एक ही वर्ष में हो जाएगा।
इस उपकरण की मदद से 70 प्रतिशत श्रम बचत होगी जिसकी वजह से एक साल में लगभग 4.7 करोड़ रुपयों की बचत की जाएगी। उनको बताया गया कि जितना पानी अभी पंचकूला में इस्तेमाल हो रहा है, इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से उसमें भी बचत होगी।
फिलहाल पंचकूला में अलग-अलग स्रोतों से प्रति दिन 162.5 मिलियन लीटर पानी का इस्तेमाल होता है । इस Sujal initiative उपकरण के इस्तेमाल से यह आंकड़ा एक वर्ष में ही घट कर 105 मिलियन लीटर प्रतिदिन रह जाएगा इन सब फायदों के साथ-साथ यह टेक्नोलॉजी हमें वित्तीय लाभ भी देगी। उन्होंने बताया कि आज के समय में 680 लाख लीटर भूजल का प्रयोग एक दिन में सप्लाई किया जाता है।
सुजल-पहल Sujal initiative द्वारा एक ही साल में यह आंकड़ा गिर कर 5 एमएलडी हो जाएगा और इस आंकड़े का अर्थ है कि लगभग 92 प्रतिशत तक भूजल का बचाव होगा , जिसके कारण लगभग 22.9 करोड़ रुपयों की बचत प्राधिकरण द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि बिजली की भी एक साल में लगभग 31 प्रतिशत तक बचत होगी और इसके परिणामस्वरूप बिजली के बिल में लगभग 12.99 करोड़ रुपयों की बचत होगी।
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What is sujal initiative ?
वाटर सप्लाई मैनेजमैंट की दिशा में आरंभ की गई राज्य की यह अनूठी Sujal initiative .
When launched the Sujal Initiative in Haryana ?
on 13 june 2022 , sujal initiative launched in haryana.
How can usefull Sujal Initiative in Haryana
Sujal initiative से अवैध कनेक्शनों को ट्रैक करके उनको बंद करना आसान हो गया.
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