Judoka Sushila Devi Likmabam biography in Hindi : भारत की जुडोका सुशीला देवी लिकमाबाम ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में इतिहास रचते हुए 48 किग्रा में 1 अगस्त 2022 को commonwealth Games 2022 सिल्वर मेडल जीतकर सबको हैरान कर दिया। उसने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका की माइकेला व्हाइटबोइ को करारी मात दी और भारत के खाते में एक रजत पदक में बढ़ोतरी की।
कुछ देर पहले सुशीला देवी ने महिलाओं के जूडो 48 किग्रा सेमीफाइनल में मॉरीशस की प्रिसिला मोरंड को 10-0 से मात देकर भारत के लिए एक और पदक पक्का किया था। इससे पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मलावी की हैरियट बोनफेस को भी 10-0 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
Judoka Sushila Devi Likmabam Silver Medal: जूडो के 48 किलोग्राम फाइनल में भारत की सुशीला देवी लिकमाबाम को हार का सामना करना पड़ा है और उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा है। फाइनल में सुशीला का सामना साउथ अफ्रीका की मिचेला व्हाइटबोई से था, जिन्होंने गोल्ड पर कब्जा जमाया. दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला 4 मिनट 25 सेकेंड तक चला। मुकाबले के दौरान दोनों खिलाड़ियों को पेनल्टी के तौर पर 2-2 अंक मिले. जिसके बाद गोल्डन अंक के जरिए फैसला हुआ. साउथ अफ्रीका की मिचेला व्हाइटबोई ने वजा-आरी स्कोरिंग के तहत 1 अंक लेकर गोल्ड मेडल जीत लिया.
Kaun hai Judoka Sushila Devi Likmabam /कौन है जूडो खिलाडी सुशीला देवी/ जीवन परिचय , उम्र , शिक्षा , परिवार ,शादी
सुशीला देवी लिकमबम ( Sushila Devi Likmabam biography in Hindi ) जूडो में commonwealth games 2022 भारत के लिए पदक जीतने वालीं पहली भारतीय महिला हैं। सुशीला देवी लिकमाबाम का जन्म एक जूडो से जुड़ी हुई फैमिली में हुआ, उनके चाचा भी लिकमाबम दिनित भी एक इंटरनेशनल जूडो खिलाड़ी रह चुके है। टोक्यो ओलंपिक 2022 में सुशीला जूडो में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली इकलौती खिलाड़ी थीं.
सुशीला Sushila Devi Judo Player भारत कि दिग्गज बॉक्सर मैरीकॉम को अपना आदर्श मानती हैं और उन्हीं की तरह देश के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में पदक जीतना चाहती हैं। सुशीला देवी लिकमाबाम का जन्म एक फरवरी 1995 को हुआ था। वह मूल रूप से मणिपुर की निवासी हैं। सुशीला को बचपन से ही जूडो खेलने का शौक था, क्योंकि उनका परिवार ही इस खेल से जुड़ा रहा है। सुशीला लिकमाबाम ( Sushila Devi Likmabam Judoka ) के बड़े भाई खुद भी जूडो की ट्रेनिंग करते थे। इसके अलावा उनके चाचा भी जूडो खेलते थे।
उन्हें ही देखकर सुशीला का रुझान जूडो की तरफ हुआ था। उनके देखा -देखी उसने भी जूडो की ट्रेनिंग शुरू कर दी। इसके बाद वर्ष 2007 से वर्ष 2010 तक उन्होंने मणिपुर स्थित स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में प्रु लग्न से ट्रेनिंग ली । वर्ष 2010 से सुशीला लिकमाबाम ( Sushila Devi Likmabam Judo Player) पंजाब के खेल सेंटर पटियाला में ट्रेनिंग कर रही हैं। सुशीला के पिता प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। बताते हैं कि कई बार तो किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए और शहर से बाहर जाने के लिए सुशीला देवी लिकमाबाम के पास पैसे नहीं होते थे।
इतना ही नहीं उन्हें एक अच्छे खिलाडी की तरह डाइट भी नहीं मिल पाती थी, क्योंकि उनके घर की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी , परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से हो रहा था। हाँ , ये अवश्य था कि साई (SAI) के हॉस्टल में आने के बाद डाइट से जुड़ी परेशानियां दूर हो गईं। इसके साथ ही उन्हें कई स्पॉन्सर भी मिल गए जिससे उसका खर्चा -पानी चलने लगा।
भारत सरकार की ओर से भी सुशीला को स्कॉलरशिप मिलने लगी। इस तरह तैयारियों को लेकर बाद में सुशीला देवी लिकमाबाम ( Sushila Devi Likmabam ) की हर तरह की परेशानी लगभग दूर हो गई। सुशीला राष्ट्रमंडल खेलों के अलावा वर्ष 2019 के साउथ एशियन गेम्स में 48 किलोग्राम भारवर्ग में ही स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने जूडो में भारत के लिए एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में वर्ष 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालिफाई किया था।
ओलंपिक में उन्होंने महिलाओं की 48 किग्रा इवेंट में हिस्सा लिया, यहाँ उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह पहले ही दौर में बाहर हो गई थीं। इस सब के बावजूद भी सुशीला देवी लिकमाबाम ने अपने आत्मविश्वास को कम नहीं होने दिया और अब राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में देश के लिए रजत पदक जीता है।
Name | Sushila Devi Likmabam Judo Player |
Sport / game | Judo |
Category | 48 kg |
Date of Birth | 1 February, 1995 |
State | Manipur |
Event in 2014 | Silver Medal in 2014 Commonwealth Games at Glasgow |
Event 2019 | Gold medal in 2019 South Asian Games |
Event 2020 | Participate in 2020 Summer Olympics Tokyo |
Event 2022 | Silver medal in Commonwealth games 2022 Birmingham |
Sushila Devi Likmabam Judo Player , Job | Sushila Joined Manipur Police in 2017 |
Sushila ‘s Uncle name | Likmabam Dinit |
Sushila’s coach | Sabitri Chanu (Sports authority of India) |
जूडो में कितनी तरह से स्कोरिंग होती है ?
दोस्तों , आपको बता दें कि जूडो के खिलाड़ियों को ‘जुडोका’ कहते हैं। जूडो में तीन तरह से स्कोरिंग होती है। इन्हे इपपोन, वजा-आरी और यूको कहते हैं। इपपोन तब होता है, जब खिलाड़ी सामने वाले खिलाड़ी को थ्रो करता है और उसे उठने नहीं देता। इपपोन होने पर एक फुल पॉइंट दिया जाता है और खिलाड़ी जीत जाता है।
सुशीला देवी ने इसी तरह से जीत हासिल की। वहीं, स्कोरिंग का दूसरा तरीका वजा-आरी होता है, जब खिलाड़ी सामने वाले खिलाड़ी को फंसा लेता है और उसे अपनी पकड़ से बाहर नहीं होने देता। फाइनल में अफ्रीकी खिलाड़ी ने भी इसी तरीके से सुशीला देवी लिकमाबाम को मात दी थी। सुशीला देवी इससे पहले भी राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीत चुकी हैं।
वह वर्ष 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में जूडो में भारत के लिए पदक जीतने वालीं पहली भारतीय महिला बनीं थीं। सुशीला देवी लिकमाबाम ने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए रजत पदक जीता था।
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Who is Judoka Sushila Devi Likmabam ?
Sushila Devi Likmabam (born 1 February 1995) is an Indian judoka who won the silver medal in the women’s 48 kg weight class at the judo at the 2014 Commonwealth Games at Glasgow and Birmingham 2022.
Sushila Devi Likmabam belongs which state ?
Sushila Devi Judoka belongs to Manipur State .
What is age of Judoka Sushila Devi Likmabam ?
Sushila Devi Likmabam is 27 Years old.
What category of Sushila Devi Likmabam in Judo sports ?
She playes in 48 kg category .
What is the highest ranking of Sushila Devi Likmabam ?
46th . In 2017, Sushila joined Manipur Police. The 26-year-old clinched one of the continental quotas to book her spot for Tokyo 2020. She is one of the two highest-ranked Asians, who are outside the top 18 on the Olympic Game Quota (OGQ) rankings. Her rank is 46th on the OGQ rankings with 989 points.
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