दोस्तों , आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत सरकार ने अब ‘हर घर तिरंगा’ अभियान (Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan) शुरू कर रखा है। इस अभियान के तहत देश में 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 के मध्य प्रत्येक घर एवं प्रतिष्ठान पर देश की शान तिरंगा झंडा फहराया जाना है।
इसके बाद 17 जुलाई 2022 को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से 13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच सभी घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। इसके लिए प्रत्येक भारतीय को प्रेरित किया जाएगा।
देश में अपने आप में अपनी तरह का यह अनूठा कार्यक्रम है,इसलिए लोग पूछ रहे हैं कि Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan . इस अभियान के जरिए देशभक्ति की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा। आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा झंडा संहिता तक में संशोधन किया गया है।
Independence Day Best Tiranga Drawing , Best Tiranga Poster , Best Tiranga Pictures , Best Tiranga चित्र /स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा की Best ड्राइंग
दोस्तों , भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान देश में जोर -शोर से चलाया है , इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में वद्यार्थियों को आजादी व देशभक्ति के प्रति प्रेरित करने के लिए Tiranga Drawing competion, Tiranga Poster making competition , Tiranga quiz , essay writing competition on Tiranga , तिरंगा पर निबंध लेखन प्रतियोगिता करवाई जा रही हैं।
इन competition को ध्यान में रखते हुए हमने बच्चो के लिए (Independence Day Best Tiranga Drawing/स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा की ड्राइंग ) विभिन्न स्रोतों से हमरे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की कई बेहतरीन (Best drawing of Tiranga) एकत्रित की हैं ताकि वे भी अच्छी ड्राइंग बनाकर अपनी प्रतियोगिता जीत सकें। मुझे उम्मीद है कि हमने यहाँ जो ideas दिए हैं , अगर आप उन पर फोकस करके drawing बनाओगे तो अवश्य ही आप अपने लक्ष्य में सफल होंगे।
Independence Day Tiranga Drawing for Kids
बच्चों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर अथवा तिरंगा झंडा के विषय पर ड्राइंग (independence day ke liye drawing , इंडिपेंडेंस डे ड्राइंग )करवाना काफी अच्छा विषय है। वर्ष 1947 से हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में बड़े हर्षोल्लास, उत्साह और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है। यह विशेष दिन उन महान योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करता है जिन्होंने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
हम सभी भारतवासी 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, हम इस दिन के महत्व को जानते हैं। हर कोई इस दिन हमारे उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दे दी। बच्चे भी कुछ चित्र बनाकर इस दिन को श्रद्धांजलि देने की कोशिश करते हैं। इससे प्रकार के कार्यक्रमों से बच्चो में देशभक्ति को जज्बा पैदा होता हिअ, देशप्रेम उमड़ता है।
ऐसे में ड्राइंग बनाने के लिए बच्चों सहित बहुत से लोग बच्चों के लिए स्वतंत्रता दिवस ड्राइंग की खोज करते हैं क्योंकि वे अपनी Best drawing of Tiranga Jhanda बनाना चाहते हैं। बच्चे अपनी रचनात्मक कला के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा का चित्र बनाकर शहीदों को होनी ओर से श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। इस उम्र में बच्चे इतनी आसानी से प्रभावित हो जाते हैं और जितना हो सके उतना योगदान देने की कोशिश करते हैं। वे इंटरनेट पर इंडिपेंडेंस डे ड्रॉइंग फॉर किड्स ( Independence Day Drawing for Kids ) की तलाश करते हैं।
यहाँ पर जो तिरंगा की ड्राइंग दी गई हैं , उनको आप तिरंगा वॉलपेपर (Tiranga Wallpaper) , तिरंगा फोटो फ्रेम (Tiranga Photoframe),तिरंगा डीपी (Name Tiranga DP) ,वाहट्सएप्प तिरंगा डीपी (Alphabet Tiranga Whatsapp DP), (Tiranga logo JPG HD),(Tiranga Logo PNG HD) हर घर तिरंगा डाउनलोड फ्री जैसे कई टाइटल के लिए use कर सकते हैं।
क्या है हर घर तिरंगा अभियान in Hindi
मित्रो , तिरंगा हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक रहा है, जो हमें स्वतंत्रता के लिए महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है। अपने हाथों में झंडा लेकर, हमने अपने देश के लिए स्वतंत्रता जीती, और समय के साथ, यह जीवन के हर क्षेत्र में हमारी जीत का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा झंडा संहिता तक में संशोधन किया गया है। हम सबको पता है कि देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके मद्देनजर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की तैयारी चल रही है।
जो लोग लगातार मीडिया की खबरों पर ध्यान नहीं देते हैं , उनके सामने अक्सर जब 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हर घर में तिरंगा लगाने बारे जिक्र होता है तो वो पूछते हैं कि Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan . ऐसे लोगों की जानकारी बढ़ाने के लिए ही हमने ये लेख Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan यहाँ लिखा है।
दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है,
देशभक्ति शायरी :
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका, जब तक दिल में जान है..!!
क्यों चलाया है ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम /Tiranga nu mahatva
किसी भी देश के लिए उस देश का राष्ट्रीय ध्वज पूरे राष्ट्र के लिए गौरव का प्रतीक होता है। ऐसे ही प्रत्येक भारतीय के लिए तिरंगा झंडा गौरव व् शान का द्योतक है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हमारे देश के माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को और अधिक सम्मानित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा अभियान’ ( Kya hai Har Ghar Tiranga Abhiyan या कहें हर घर में तिरंगा अभियान ) के कार्यक्रम को मंजूरी दी है। यह अभियान हर जगह भारतीयों को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने की परिकल्पना करता है।
“हर-घर-तिरंगा” एक महत्वाकांक्षी अवधारणा
“हर-घर-तिरंगा” या कहें घर घर तिरंगा अभियान एक महत्वाकांक्षी अवधारणा है जो सभी नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करती है। देश के हर घर में फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज एक राष्ट्र की ताकत और एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारी देशभक्ति की भावनाओं को बढ़ाता है और हमारी राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ाता है।
हम जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत रहा है। स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर लाना इस प्रकार न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक बन जाता है, बल्कि राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन जाता है. इस पहल के पीछे का विचार भावना का आह्वान करना है। लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाएं और अपने राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दें।
तिरंगा हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक
किसी भी देश का राष्ट्रीय ध्वज उसके नागरिकों के लिए गर्व का स्रोत होता है. तिरंगा की फोटो कितनी प्यारी लगती है . स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति के लिए यह पूरे देश के लिए सबसे कीमती वस्तु है। हम सभी जानते हैं कि तिरंगा हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक रहा है, जो हमें स्वतंत्रता के लिए महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है। हाथों में झंडा लेकर जब सवतंत्रता सेनानियों ने आजादी के लिए संघर्ष किया तो यह तिरंगा झंडा जीवन के हर क्षेत्र में हमारी जीत का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गया।
क्रिकेट मैच हो या ओलिंपिक खेलों में उपलब्धि, चाहे विदेश में संगीत कार्यक्रम हो, अंतरिक्ष और विज्ञान में उपलब्धि हो, घर में हो या विदेशी धरती पर कोई आयोजन हो, जीत का जश्न हमेशा तिरंगा फहराकर ही मनाया जाता है।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को किस दिन अंगीकार किया गया था ?
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से हर घर तिरंगा अभियान को मजबूत करने का आग्रह किया है। श्री मोदी ने स्वतंत्र भारत के लिए ध्वज का सपना देखने वालों के अदम्य साहस और प्रयासों को भी याद किया। उन्होंने हमारे तिरंगे से जुड़ी समिति और पंडित नेहरू द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे के विवरण सहित इतिहास की कुछ दिलचस्प बातें भी साझा कीं हैं। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई का हमारे इतिहास में विशेष महत्व है, क्योंकि 1947 में 22 जुलाई के दिन ही हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया गया था।
ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा;
“इस साल, जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, आइए हम हर घर तिरंगा अभियान को मजबूत करें। 13 से 15 अगस्त के बीच तिरंगा फहराएं या अपने घरों में इन्हें प्रदर्शित करें। यह अभियान राष्ट्रीय ध्वज के साथ हमारे जुड़ाव को और मजबूती देगा।”
“आज, 22 जुलाई की हमारे इतिहास में विशेष प्रासंगिकता है। 1947 में इसी दिन हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया गया था। इतिहास से कुछ दिलचस्प बातें साझा कर रहा हूँ, जिनमें हमारे तिरंगे से जुड़ी समिति का विवरण और पंडित नेहरू द्वारा फहराया गया पहला तिरंगा शामिल हैं।”
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने देशवासियों से अपने घरों पर तिरंगा फ़हराकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान शुरू किए गए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ने का आह्वान किया है।
ट्वीट्स के माध्यम से श्री अमित शाह ने कहा कि “”हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा न सिर्फ हर देशवासी को एकता के सूत्र में पिरोता है बल्कि हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को और प्रबल भी करता है। 22 जुलाई 1947 के ही दिन तिरंगे के वर्तमान स्वरूप को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने की घोषणा हुई थी”।“
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जी द्वारा आजादी के इस अमृत महोत्सव में #HarGharTiranga अभियान की शुरुआत की गयी है। इस अभियान से देशभर में लगभग 20 करोड़ घरों पर तिरंगे फहराये जाएँगे, जो हर नागरिक विशेषकर युवाओं के मन में देशभक्ति की अखंड ज्योति को और अधिक प्रखर करने का काम करेगा।””
13 अगस्त से 15 तक 2022 तक चलेगा घर-घर तिरंगा अभियान
केंद्र सरकार ने 15 अगस्त को ‘हर घर झंडा’ अभियान अथवा Har Ghar Tiranga Abhiyan शुरू करने का फैसला किया है, जिसके तहत स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह पहल आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है ,जो भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के जश्न के रूप में मनाई जा रही है।
पुरे देश में 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक हर घर झंडा अभियान चलाया जायेगा. सरकार ने लोगों से आग्रह किया है कि वे 15 अगस्त 2022 को अपने घरों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों पर तिरंगा अवश्य फहराएं और परिवार के साथ मिलकर राष्ट्रगान भी गाएं। सरकार द्वारा आम लोगों को तकनीकी सहायता भी दी जाएगी, ताकि वे ऐप के जरिए अपने फोन पर ‘जन गण मन’ डाउनलोड करके बजा सकें। You should know all this : Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan/campaign .
13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच कितने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का लक्ष्य है ?
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के संबंध में 17 जुलाई 2022 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों व प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के ज़रिए संवाद किया। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी किशनरेड्डी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव देश के हर नागरिक के लिए गौरव का विषय है और आज़ादी के 75 सालों में हमारे देश ने ना केवल लोकतंत्र की जड़ों को गहरा किया है बल्कि विकास के हर पहलू की दृष्टि से आज हम विश्व में उचित स्थान पर खड़े हैं।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से 13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच 20 करोड़ से ज़्यादा घर और सौ करोड़ से अधिक लोग तीन दिन अपने घर पर तिरंगा फहराएंगे.
‘हर घर तिरंगा’ अभियान के प्रधानमंत्री मोदी की नजर में तीन मुख्य क्या उद्देश्य हैं ?
आज़ादी के अमृत महोत्सव को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक नए तरीक़े से मनाने का संकल्प लिया और इसके तीन उद्देश्य हैं। पहला, जिन नामी-बेनामी शहीदों ने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया, देश की युवा पीढ़ी को उनके और उनके बलिदान के बारे में जानकारी देकर देशभक्ति के संस्कार को सृजित करना।
दूसरा, 75 सालों में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और कई क्षेत्रों में भारत आज दुनिया में शीर्ष स्थान पर है, ये वर्ष उन उपलब्धियों का महिमामंडन करने का वर्ष है। तीसरा, ये संकल्प का वर्ष है। देश के प्रधानमंत्री जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव से लेकर आज़ादी की शताब्दी तक के 25 साल के कालखंड को अमृत काल के रूप में मनाने का आह्वान किया है। अमृत काल में देश में हर क्षेत्र में आज़ादी की शताब्दी के समय हम कहां खड़े होंगे, ये 25 साल संकल्प सिद्धि का समय है।
कहाँ से खरीदें तिरंगा झंडा ?
भारत सरकार ने हर घर तिरंगा अभियान चलाया हुआ है , इसमें 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ये झंडे सरकार मुफ्त में वितरित नहीं करेगी बल्कि लोगों को खुद खरीदने होंगे ताकि राष्ट्रप्रेम की भावना पैदा हो। ऐसे में लोगों में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि घर पर तिरंगा फहराने के लिए झंडा कहाँ से मिलेगा ताकि खरीद सकें।
भारत सरकार ने इसका प्रबंध भी कर दिया है , केंद्र सरकार के डाक विभाग को यह जिम्मेवारी सौंपी गई है। लोग ऑनलाइन डाक विभाग के पोर्टल पर जाकर अपना तिरंगा झंडा खरीदकर देश के प्रति अपनी भावना को व्यक्त कर सकते हैं।
कितनी कीमत है डाकघर में झंडे की ?
हम पुरे देश में आजादी की 75वीं सालगिरह का जश्न मना रहे हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान का आह्वान भी किया है। सोमवार 1 अगस्त 2022 से डाकघरों में तिरंगा झंडा (National Flag) की बिक्री शुरू हो गयी है। पोस्ट ऑफिस में तिरंगा लेने के लिए लोगों की भीड़ भी जुटनी शुरू हो गई है। लोग इसको लेकर उत्सुक भी हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेने पहुंचे लोगों का कहना है कि वे इस अभियान से जुड़ कर खुश हैं।
तिरंगा घर पर फहराएंगे और फक्र महसूस करेंगे। लोगों का कहना है कि इस अभियान से हम सब एकजुट होंगे।हर घर तिरंगा अभियान के तहत एक अगस्त 2022 से सभी डाकघरों में राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री शुरू हो गई है। मात्र 25 रुपये में ग्राहक कपड़े का राष्ट्रीय ध्वज खरीद सकेंगे। इसकी लंबाई 30 इंच और चौड़ाई 20 इंच है। जिले के सभी प्रधान डाकघर, उपडाकघर और शाखा डाकघरों में राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध हैं।
Har Ghar Tiranga Abhiyan से कैसे आएगी देशभक्ति की भावना ?
गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ देश के हर नागरिक के दिलोदिमाग़ में देशभक्ति की भावना को उच्चतम स्तर पर ले जाने का कार्यक्रम है। देश में 20 करोड़ से ज़्यादा घर और सौ करोड़ से अधिक लोग तीन दिन अपने घर पर तिरंगा फहराएंगे और तिरंगे के माध्यम से पुन: अपने आप को भारत माता की सेवा में समर्पित करेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी के माध्यम से 13 से 15 अगस्त, 2022 के बीच सभी घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है। इस प्रयास में देश के सरकारी और निजी प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि तिरंगा फहराने से देश के प्रति देशभक्ति की भावना और मजबूत होने के साथ ही इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि देश के बच्चे और युवा देश की आजादी के लिए अनगिनत शहीदों द्वारा किए गए बलिदानों से अवगत हो सकें।
ये कार्यक्रम दुनियाभर में पहला ऐसा कार्यक्रम होगा जो किसी भी राष्ट्र ने अपनी आज़ादी या किसी और दिन को मनाने के लिए कभी नहीं मनाया होगा। इस कार्यक्रम की सफलता केवल विचार या आह्वान से नहीं हो सकती, इसे केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व जनता की भागीदारी से ही जन-जन तक पहुंचाने का काम हम कर पाएँगे, तभी ये कार्यक्रम और इसका उद्देश्य भी सफल होगा। 20 करोड़ तिरंगे हर घर पर फहराना एक भगीरथ कार्य है और यह कार्यक्रम देश में देशभक्ति की एक नई भावना जगाने में बहुत बड़ा योगदान देगा।
किस दिन से हर भारतवासी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगा क्यों लगाएगा ?
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 जुलाई 2022 को कहा कि हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तीन वर्टिकल्स हैं। पहला, प्रचार-प्रसार के माध्यम से सभी लोगों को इसके साथ जोड़ना और जन-जन तक इसे पहुंचाना। दूसरा, उत्पादन और तीसरा, घर घर पर झंडा लगाना। केन्द्र, राज्य सरकारों, ज़िला पंचायतों म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, पंचायतों और व्यक्तियों को इन तीनों वर्टिकल्स के लिए काम करना होगा।
इस वर्ष 22 जुलाई 2022 से हम सब अपने अपने होमपेज पर, हर राज्य की हर वेबसाइट और देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के होमपेज पर तिरंगा लगाएँगे तो इसका प्रचार-प्रसार अपने आप होगा।
प्रभात फेरी कब से निकाली जाएँगी हर घर तिरंगा कार्यक्रम में ?
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रभात फेरी महात्मा गांधी की आज़ादी की लड़ाई का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग था और 11 से 14 अगस्त तक प्रभात फ़ेरी के कार्यक्रम को हर गांव में मनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों, सरकारी संस्थानों, एनजीओ, सहकारी समितियों को अपना योगदान देना चाहिए। प्रभात फ़ेरी ने ही स्वदेशी, भारत छोड़ो आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन को घर-घर पहुंचाने का काम किया था।
जब बच्चे, बूढ़े, युवा और किशोर मिलकर भारत माता का यशोगान करते हुए हाथ में तिरंगा लेकर गांव में एक घंटे तक प्रभात फेरी निकालते हैं तो तिरंगा लगाने का हमारा ये कार्यक्रम अपने आप हो जाएगा। श्री शाह ने कहा कि राज्य सरकारों के सभी विज्ञापनों में‘हर घर तिरंगा’ का प्रचार किया जाए, राज्यों के मुख्यमंत्री टीवी चैनल्स और लोकल चैनल्स से निवेदन करें तो वे भी छोटे-छोटे कार्यक्रम कर इसे आगे ले जाएँगे। गांवों की सहकारी समिति और पीएसयू के माध्यम से भी इसका प्रचार करना चाहिए। हर व्यक्ति इस कार्यक्रम से जुड़ जाए इसके लिए हमें प्रचार के सभी माध्यमों का उपयोग करना चाहिए।
पोस्ट ऑफिस और GEM से भी क्या तिरंगा झंडा खरीद सकते हैं ?
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 17 जुलाई को हर घर तिरंगा अभियान की समीक्षा के दौरान कहा कि झंडा के उत्पादन के लिए भारत सरकार ने बहुत सारी व्यवस्थाएं की हैं। देश के पोस्ट ऑफ़िस में तीनों प्रकार के झंडे उपलब्ध हों, ऐसी व्यवस्था भारत सरकार ने की है। पोस्ट ऑफ़िस से भी आप अपना ऑर्डर बुक कर सकते हैं, वहां से हर नागरिक जाकर झंडा ख़रीद सकता है और ऑनलाइन ख़रीद की भी व्यवस्था है।
राज्य सरकारों के लिए GEM पर तीनो प्रकार के झंडे उपलब्ध हैं। राज्यों को उत्पादन में मदद करने के लिए भारत सरकार ने पर्याप्त व्यवस्था की है और इसे नागरिकों के बीच प्रचारित करने से वे अपने आप भी ऑनलाइन झंडा मंगा सकते हैं। राज्यों के सारे पीएसयू, राज्यों के सारे कर्मचारी, कोऑपरेटिव सोसायटी के सारे कर्मचारी, सारे सदस्य अगर इस मूवमेंट के साथ जुड़ जाते हैं तो हम 20 करोड़ के लक्ष्य को बहुत आसानी के साथ प्राप्त कर पाएंगे।
सांसदों ने 3 अगस्त 2022 को निकाली ‘हर घर तिरंगा’ बाइक रैली
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने 3 अगस्त 2022 को संसद सदस्यों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों से आजादी का अमृत महोत्सव और राष्ट्रीय ध्वज के भावनात्मक जुड़ाव के संदेश को लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली के लाल किले से विजय चौक तक सांसदों की ‘हर घर तिरंगा’ बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा नागरिकों और राष्ट्रीय ध्वज के बीच एक व्यक्तिगत जुड़ाव पैदा करने के लिए भारत सरकार की पहल ‘हर घर तिरंगा’ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया था।
बाइक रैली में विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों ने भी भाग लिया। इस पहल के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना करते हुए, श्री नायडु ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह “हमें उन असंख्य बलिदानों की याद दिलाता है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अपने संघर्ष में किए थे।” उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से बहादुरी और सामाजिक सद्भाव की कहानियों को फिर से याद करने का भी आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया, “हम गर्व से अपने राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं, एकता, सद्भाव और सार्वभौमिक भाईचारे के हमारे राष्ट्रीय मूल्यों को भी प्रतिबिंबित करते हैं और बनाए रखते हैं।
” वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री, श्री प्रल्हाद जोशी, संस्कृति मंत्री, श्री जी. किशन रेड्डी, महिला और बाल विकास मंत्री, श्रीमती स्मृति ईरानी, युवा कार्य और खेल मंत्री, श्री अनुराग ठाकुर, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल, विदेश राज्य मंत्री, श्रीमती मीनाक्षी लेखी और श्री वी. मुरलीधरन तथा बड़ी संख्या में सांसदों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
क्या विशेषता है राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में ?
हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा हर भारतीय के लिए गौरव का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय अखंडता का प्रतिनिधित्व करता है और भारतीय लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन समानांतर आयताकार पैनल हैं, शीर्ष पर केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा। बीच में सफेद पैनल के केंद्र में अशोक चक्र का प्रतीक है जो गहरे नीले रंग में 24 समान दूरी वाली तीलियों के साथ बना है। राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3:2 होता है।
“हर-घर-तिरंगा अभियान ” राष्ट्र की एक महत्वाकांक्षी अवधारणा है जो सभी नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करती है। देश के हर घर में फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज एक राष्ट्र की ताकत और एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारी देशभक्ति व राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ाता है। इसीलिए जिन लोगों को नहीं पता है कि Kya hai Har Ghar Tiranga Abhiyan , उनमे देशभक्ति का जोश एवं जज्बा भरने के लिए चलाया जा रहा है हर घर तिरंगा अभियान।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया क्या है ? What is Flag Code of India , 2002
हमारी भारत सरकार द्वारा भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में सभी नियमों और औपचारिकताओं व निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। इसमें झंडा संहिता भारत के स्थान पर भारतीय झंडा संहिता 2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है। सुविधा के लिए भारतीय झंडा संहिता को तीन भागों में बांटा है। इसके संहिता के भाग 1 में राष्ट्रीय ध्वज के सामान्य विवरण शामिल हैं जबकि भाग-2 में आम लोगों, शैक्षिक संस्थाओं और निजी संगठनों के लिए झंडा फहराए जाने से संबंधित दिशा-निर्देश दिए गए हैं और संहिता के भाग-3 में राज्य और केंद्र सरकार तथा उनके संगठनों के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया में क्या बदलाव किया गया है ? What changes in Flag Code of India , 2002
हम सबको पता है की राष्ट्रीय ध्वज के लिए बनाई गई सहिंता में देशहित में बदलाव या संशोधन किये गए हैं। भारत के ध्वज संहिता 2002 को 30 दिसंबर, 2021 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया और अब पॉलिएस्टर या मशीन से बने ध्वज को भी अनुमति दी गई है। अब संशोधित ध्वज संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते, हाथ से बुने हुए या मशीन से बने कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/रेशम/खादी बन्टिंग से बनाया जा सकता है। 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’- एक राष्ट्रव्यापी अभियान किया गया है। इसमें भारत के संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार 15 अगस्त, 75वें स्वतंत्रता दिवस तक इस अभियान के तहत देश भर में 20 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंचने की योजना है।
भारतीय ध्वज संहिता में तिरंगा फहराने के नियम क्या हैं ?
भारतीय ध्वज संहिता भारतीय ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में दिये गए निर्देश हैं। इस संहिता का आविर्भाव 2002 में किया गया था। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, भारत के लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता-2002 में सभी नियमों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है।
- जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
- सरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।
- ध्वज को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
- जब ध्वज किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
- ध्वज का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की ओर हो तो ध्वज उनके दाहिने ओर हो।
- ध्वज किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।
- फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है।
- ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
- किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।
- ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
- जब ध्वज फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में पूरा नष्ट किया जाए।
क्या रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं ?
भारतीय नागरिक अब रात में भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा सकते हैं। इसके लिए शर्त होगी कि ध्वज का पोल वास्तव में लंबा हो और झंडा खुद भी चमके। गृह मन्त्रालय ने पूर्व सांसद एवं उद्योगपति नवीन जिंदल द्वारा इस सम्बन्ध में रखे गये प्रस्ताव के बाद यह फैसला किया। इससे पहले जिंदल ने हर नागरिक के मूलभूत अधिकार के तौर पर तिरंगा फहराने के लिहाज से अदालती लड़ाई जीती थी। पूर्व सांसद जिंदल को दिये गये संदेश में मन्त्रालय ने कहा कि प्रस्ताव की पड़ताल की गयी है और कई स्थानों पर दिन और रात में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के लिए ध्वज के बड़े पोल लगाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
जिंदल ने जून 2009 में मन्त्रालय को दिये गये प्रस्ताव में बड़े आकार के राष्ट्रीय ध्वज को स्मारकों के पोलों पर रात में भी फहराये जाने की अनुमति माँगी थी। जिंदल ने कहा था कि भारत की ध्वज संहिता के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज जहाँ तक सम्भव है सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच फहराया जाना चाहिए, लेकिन दुनियाभर में यह सामान्य है कि बड़े राष्ट्रीय ध्वज 100 फुट या इससे उँचे पोल पर स्मारकों पर दिन और रात फहराये गये होते हैं।
देश में कौन-से तीन स्थानों पर 21×14 फीट के राष्ट्रीय झंडे फहराए जाते हैं
दोस्तों आपको बता दें कि देश में केवल तीन स्थानों पर ही 21×14 फीट के राष्ट्रीय झंडे फहराए जाते हैं. ये स्थान हैं- कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला.
तिरंगा झंडा की संहिता में क्यों किया बदलाव
सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया (भारतीय ध्वज संहिता), 2002 में बदलाव किया और मशीन से बने पॉलिस्टर के तिरंगे के इस्तेमाल को मंजूरी दी। नई संशोधित ध्वज संहिता इतने बड़े पैमाने पर झंडों की उपलब्धता को सुगम बनाएगी और उन्हें आम जनता के लिए किफायती भी बनाएगी। संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि झंडे अब ऑनलाइन पोर्टल्स पर कम से कम 30 रुपये में उपलब्ध हैं। फ्लैग कोड में संशोधन के बाद, सरकार इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए निर्माताओं और ई-कॉमर्स साइटों तक पहुंच गई।
किसने याचिका डाली थी कोर्ट में निजी परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए ?
उद्योगपति और कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल सहित कई लोगों ने संशोधन का स्वागत किया है, जिनकी 1995 में याचिका के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने निजी परिसर में व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी थी।
तिरंगा कब और कैसे फहराना है ?
भारत का राष्ट्रीय झंडा देश के हर नागरिक के गौरव और सम्मान का प्रतीक है। जब भी कोई तिरंगे को फहराता है तो उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक होती है। भारत इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आजादी का 75वां साल है तो जश्न भी उसी सरीखा होना चाहिए, तैयारियां भी कुछ ऐसी ही है। गली मोहल्ले, स्कूल-कॉलेज और इसी तरह के दूसरे दिले के करीब तीन लाख स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाएगा। यह सब आजादी के अमृत महोत्सव के तहत होगा। इसका मकसद लोगों में देशभक्ति की भावना व राष्ट्रीय ध्वज के बारे में उन्हें जागृत करना रहेगा। इसके लिए 11 से 17 अगस्त के बीच अभियान चलेगा। तिरंगा फहराने से पहले शहर के लोगों को ध्वज संहिता के मुख्य अंश भी बताए जाएंगे ताकि तिरंगे का सम्मान सभी आदर के साथ करें। इसी दौरान तिरंगा कब और कैसे फहराना है ? अब झंडा फहराने है तो उसके प्रयोग, रख रखाव से लेकर फहराने तक के नियम तय हैं। देश में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग और फहराना निर्देशों के एक व्यापक सेट द्वारा निर्देशित होता है जिसे ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002’ कहा जाता है। यह राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं, प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ लाता है।
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को किसने डिजाइन किया था ? कौन थे पिंगली वेंकय्या/ Who design tricolor Tiranga
पिंगली वेंकय्या ने भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को डिजाइन किया था. पिंगली वेंकय्या का जन्म 2 अगस्त 1876 को हुआ था , उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1963 को हुई थी। पिंगली वेंकय्या एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। वह महात्मा गांधी के कट्टर अनुयायी और उस ध्वज के डिजाइनर थे जिस पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज आधारित था।
उनका जन्म तेलुगू ब्राह्मण परिवार में मछलीपट्टनम के पास भाटलापेनुमरु में हुआ था, जो अब भारतीय के राज्य आंध्र प्रदेश में है। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सदस्यों द्वारा विभिन्न तथाकथित राष्ट्रीय झंडों का उपयोग अवश्य किया गया था। पिंगली वेंकय्या ने राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन करके विजयवाड़ा शहर की यात्रा के दौरान 1 अप्रैल 1921 को इसे महात्मा गांधी के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसी डिजाइन को भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के रूप में स्वीकार किया गया।
पिंगली वेंकय्या कृषक थे और एक शिक्षाविद् भी थे, जिन्होंने मछलीपट्टनम में एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की थी। हालाँकि, वर्ष 1963 में गरीबी में उनकी मृत्यु हो गई और समाज द्वारा उन्हें काफी हद तक भुला दिया गया। वर्ष 2009 में पिंगली वेंकय्या की स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया गया था और वर्ष 2011 में यह प्रस्तावित किया गया था कि उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज के रचनाकार श्री पिंगली वेंकैया को 2 अगस्त 2022 को श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिंगली वेंकैया को 2 अगस्त 2022 को उनकी जयंती पर के अवसर पर श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा; “मैं महान पिंगली वेंकैया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमें तिरंगा देने के उनके प्रयासों के लिए हमारा देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा, जिस पर हमें बहुत गर्व है। तिरंगे से शक्ति और प्रेरणा लेते हुए, हम राष्ट्र की प्रगति के लिए कार्य करते रहेंगे।”
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज के रचनाकार श्री पिंगली वेंकैया जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली दी है। अपने ट्वीट में श्री अमित शाह ने कहा कि “देश की अखंडता और स्वाभिमान के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के रचनाकार श्री पिंगली वेंकैया जी ने देशभक्ति के रंगों से राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया। राष्ट्रसेवा के महायज्ञ में अपना विशिष्ट योगदान देने वाले ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी की जयंती पर उन्हें नमन”।
श्री पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी सिद्धांतों के अनुयायी थे। महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने भारत के राष्ट्रध्वज को केसरिया, सफेद और हरे रंगों के बीच में चक्र के साथ डिजाइन किया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने श्री पिंगली वेंकैया की जयंती के अवसर पर 2 अगस्त 2022 को श्रद्धांजलि स्वरूप अपने-अपने सोशल मीडिया पर DP में तिरंगा की फोटो लगाई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी नागरिकों से हर घर तिरंगा को सामूहिक अभियान के रूप में मनाने के क्रम में अपने सोशल मीडिया डीपी को तिरंगे से बदलने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; “आज 2 अगस्त विशेष है! ऐसे समय में, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमारा देश #HarGharTiranga के लिए तैयार है, जो हमारे तिरंगे का उत्सव मनाने का एक सामूहिक अभियान है। मैंने अपने सोशल मीडिया पेजों पर डीपी बदल दी है और आप सभी से भी ऐसा करने का आग्रह करता हूं।”
पिंगलि वेंकय्या की स्मृति में 2 अगस्त 2022 को डाक टिकट जारी किया
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 2 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में तिरंगे की अभिकल्पना करने वाले पिंगलि वेंकय्या जी की जयंती पर आयोजित ‘तिरंगा उत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर श्री अमित शाह ने पिंगलि वेंकय्या जी के परिवार के सदस्यों का सम्मान किया और उनकी स्मृति में एक डाक टिकट जारी किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी पिंगलि वेंकय्या जी की 146वीं जयंती है, जिन्होंने हमारी आन, बान, शान और देश के निशान तिरंगे को बनाया और लोगों के बीच प्रस्थापित किया। श्री शाह ने कहा कि इसी तिरंगे की कसम खाकर सीमा पर देश का जवान अपना सर्वस्व अर्पण कर देता है, इसी तिरंगे को देखकर देश के करोड़ों किसान पूरी दुनिया का पेट भरने के लिए पुरुषार्थ करते हैं और ये तिरंगा ही है जो देशवासियों के दिल में देश का निशान बनकर प्रस्थापित हुआ है।
श्री अमित शाह ने कहा कि ये वर्ष आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस वर्ष 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा का कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि उस दिन की कल्पना कीजिए जब देश के 20 करोड़ घरों पर तिरंगा शान से लहरा रहा हो, यह कल्पना करते ही आज़ादी के अमृत महोत्सव का महत्व हमारे दिलोदिमाग़ में सजीव हो जाएगा।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आवाहन किया है कि आज 2 अगस्त से सभी अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर तिरंगा लगायें और 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा फहराकर पूरी दुनिया को बताएं कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत पुन: महान बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने 2 अगस्त 2022 को हर घर तिरंगा थीम गीत को भी लॉंच किया
गृह मंत्री अमित शाह ने 2 अगस्त 2022 को हर घर तिरंगा थीम गीत को भी लॉंच किया और कहा कि श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया हर घर तिरंगा अभियान पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है कि भारत का हर नागरिक हमारे संविधान निर्माताओं की कल्पना और अपेक्षाओं के अनुसार भारत की समृद्धि, सुरक्षा और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर काम कर रहा है।
उन्होंने देश के युवाओं से कहा कि हर घर तिरंगा अभियान आपका अभियान है, यह महान भारत की रचना का एक बार फिर से शुभारम्भ करने वाला अभियान है, इस अभियान से जुडकर अपने घर पर तिरंगा फहरायें और उसके साथ सेल्फी लेकर www.harghartiranga.com अपलोड कर भारत को मजबूत बनाने में अपना योगदान दें।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें कभी भी तिरंगे की रचना की प्रक्रिया को नहीं भूलना चाहिए। अगर हम तिरंगे की रचना और फिर संविधान सभा द्वारा इसकी स्वीकृति की यात्रा को समझ लेते हैं तो पिंगलि वेंकय्या जी को याद किए बिना नहीं रह सकते। इस महान तेलुगु राष्ट्रसेवक और स्वतंत्रता सेनानी नने करोड़ों भारतीयों की आशाओं,उमंगो और उनकी श्रद्धा को तीन रंगों में समाहित कर पूरे भारत को एकता के सूत्र में जोड़ने का काम किया,समग्र कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से पिंगलि वेंकय्या जी को कोटि-कोटि नमन करता हूँ।
उन्होंने कहा कि तिरंगे की अभिकल्पना करने वाले पिंगलि वेंकय्या जी ने गाँधी जी और लोकमान्य तिलक के सिद्धांतों पर चलकर बिना किसी स्वार्थ के एक मूक राष्ट्र सेवक की तरह अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित को समर्पित किया। जब देश ने तिरंगे को स्वीकार किया तब यही तिरंगा हमारी देश की आन,बान और शान बना। श्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रध्वज की यात्रा 7 अगस्त 1906 से शुरू हुई। 1921 में महात्मा गांधी ने श्री पिंगलि वेंकय्या जी को नया राष्ट्रध्वज डिजाइन करने का काम दिया।
29 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में महान स्वतंत्र सेनानी नेताजी सुभाष बाबू ने तिरंगा फहराया था। उन्होंने कहा कि तिरंगे का भगवा रंग त्याग,बलिदान और शौर्य का प्रतीक है,हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है,सफेद रंग शांति और एकता का प्रतीक है। बीच में धर्म चक्र की 24 कंडिकाएं भारत के एक होने का प्रतिक है। आज पूरी दुनिया भारत को और भारत के राष्ट्रध्वज को सम्मान के साथ देख रही है।
तिरंगा झंडे के मौजूदा स्वरूप को भारत में कब अपनाया गया ?
तिरंगा झंडे के मौजूदा स्वरूप को 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया. वही तिरंगा झंडा अब घर से लेकर बाजार तक हर जगह लहराता दिख रहा है। हर देशवासी अपने इस झंडे से जितना प्यार करता है, उतना ही इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए मेहनत भी करता है। हम सब जानते हैं कि इस झंडे की आन-बान-शान को बनाए रखने के लिए अब तक हजारों सैनिकों ने अपनी कुर्बानी दी है।
कितनी बार बदला गया भारत के राष्ट्र ध्वज तिरंगा का स्वरुप/ डिजाइन
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है, हर भारतीय के दिल में इसका एक अनूठा स्थान है। हर घर तिरंगा अभियान के मौके पर हम आपको बता दें कि भारतीय ध्वज के अपने वर्तमान स्वरूप में, केसरिया (केसरी), सफेद और हरे रंग की तीन समान, समानांतर और आयताकार धारियां हैं।
सफेद पट्टी के बीच में एक नीले रंग का धम्म चक्र, जिसमें 24 तीलियाँ हैं, बना हुआ है । यह गति को दर्शाता है, जो लगातार प्रयासों और प्रगति से मिलती है। यह कानून का पहिया या धर्म का पहिया , सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ सिंह से लिया गया है। भारत के संस्थापक राष्ट्र के लिए असीमित विकास चाहते थे, जो कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में शामिल किये गए रंगो से मालूम होता है।
तिरंगे झंडे के तीनों रंगों का क्या महत्व है
कुछ लोग पूछते हैं कि तिरंगे झंडे के तीनों रंगों का क्या महत्व है , ऐसे में आपको बता दें कि झंडे में केसरी रंग साहस और त्याग की भावना का प्रतीक है, सफेद रंग शुद्धता और सच्चाई का प्रतीक है, और हरा रंग विश्वास और उर्वरता का प्रतीक है। बीच में बना धम्म चक्र देश की निरंतर प्रगति को दर्शाता है। इसका नीला रंग असीम आकाश और अथाह समुद्र का द्योतक है।
जैसा कि हम आज भारत के राष्ट्रीय ध्वज को देखते हैं, वैसा तिरंगा झंडा आरम्भ से ही नहीं था। अपने वर्तमान आकार से पहले वह विभिन्न परिवर्तनों से गुजरा है।
पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
पहला भारतीय ध्वज स्वतंत्रता पूर्व युग में वर्ष 1904 में अस्तित्व में आया था। इसे स्वामी विवेकानंद जी की एक आयरिश शिष्य, सिस्टर निवेदिता ने बनाया था। इस ध्वज के दो रंग थे, लाल और पीला। इसमें लाल स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक था और पीला जीत का प्रतीक था। उस पर बंगाली में वंदे मातरम लिखा हुआ था। इस ध्वज में भगवान इंद्र का हथियार वज्र और बीच में एक सफेद कमल भी था। वज्र शक्ति का प्रतीक है और कमल पवित्रता को दर्शाता है।
दूसरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
एक और झंडा वर्ष 1906 में डिजाइन किया गया था, जो एक तिरंगा झंडा था. इसमें नीले रंग के (ऊपर), पीले रंग के (मध्य) और लाल रंग के (नीचे) के तीन बराबर स्ट्रिप्स बने हुए थे। इस झंडे में नीली पट्टी में थोड़े अलग आकार के आठ तारे थे। लाल पट्टी में दो प्रतीक थे: पहला सूर्य का था, और दूसरे में एक तारा और एक अर्धचंद्र था। पीली पट्टी पर देवनागिरी लिपि में वंदे मातरम लिखा हुआ था।
आजादी से पहले 7 अगस्त1906 को पारसी बागान चौक, कोलकत्ता में यही भारत का पहला ध्वज फहराया गया था, जिसे उस समय क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज की संज्ञा दी थी। इस ध्वज में हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियां थी। हरे रंग की पट्टी पर जहां कमल का फूल था, वहीं बीच में पीले रंग पर वंदेमातरम व लाल रंग पर चांद-सूरज बने थे।
तीसरा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
उसी वर्ष, तिरंगे का एक और संस्करण बनाया गया, जिसमें नारंगी, पीला और हरा रंग था। इसे कलकत्ता ध्वज या कमल ध्वज के रूप में जाना जाने लगा, क्योंकि इसमें आठ आधे खुले कमल थे। इसे सर सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर में बंगाल के विभाजन के खिलाफ भारत की एकता को चिह्नित करने के लिए फहराया था।
चौथा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
लोगों में जहाँ अपने देश की आजादी के लिए जूनून स्वर था , वहीँ अपने झंडे के लिए विशेष स्नेह और प्यार। इसीलिए लोग राष्ट्रीय ध्वज के लिए अपने – अपने सुझाव तथा डिजाइन बना कर दे रहे थे. वर्ष 1907 में एक और झंडा बनाया गया था जो वर्ष 1906 के झंडे के समान था। इस नीले, पीले और लाल रंग के झंडे में फूलों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा था।
पांचवां व छठा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
वर्ष 1921 में आंध्र प्रदेश के एक युवक ने एक झंडा डिजाइन किया, जिसके बीच में चरखा के साथ सफेद, लाल और हरे रंग थे। इस ध्वज को अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि यह धार्मिक समुदायों के रंगों का प्रतिनिधित्व करता था। वर्ष 1931 में स्वराज-ध्वज अस्तित्व में आया, जो हमारे वर्तमान ध्वज के समान था। इस तिरंगे में वही भगवा, सफेद और हरा रंग था जो हमारे वर्तमान झंडे में है ,फर्क सिर्फ इतना था कि केंद्र में एक धम्म चक्र के बजाय, केंद्र में एक चरखा था।
वर्तमान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब अस्तित्व में आया
दोस्तों , वैसे तो सभी झंडों में देशभक्ति की भावना थी, परन्तु सुधार की हमेशा गुंजाइस बनी रहती है और लोग आगे -आगे सुझाव देकर राष्ट्रीय ध्वज में सुधार करवाते रहे. इसके बाद आंध्रप्रदेश के पिंगला वैंकेया द्वारा डिजाइन किया गया राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई, 1947 को स्वतंत्रता के कुछ दिन पहले संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था , वर्तमान में वही राष्ट्रीय ध्वज फहराया व लहराया जाता है।
विश्व में सबसे बड़ा तिरंगा कहाँ फहराया गया , कितना बड़ा था तिरंगा ?
जी हाँ , दोस्तों. हर व्यक्ति यह जानने को उत्सुक रहता है कि विश्व में सबसे बड़ा तिरंगा कहाँ फहराया गया और वह तिरंगा कितना बड़ा था साइज में ? तो , हम आपके ज्ञान में बढ़ौतरी कर देते हैं कि विश्व में सबसे बड़ा खादी से बना हुआ तिरंगा हमारी भारतीय आर्मी ने 15 जनवरी 2022 को राजस्थान राज्य के जैसलमेर में फहराया गया था , उसका साइज 33750 वर्ग फुट था।
हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हुआ एनएमडीसी
भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक, एनएमडीसी ने भारत सरकार की आजादी का अमृत महोत्सव पहल के अनुरूप हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया। खनन प्रमुख ने महावीर चक्र से सम्मानित कर्नल बी संतोष बाबू द्वारा गलवान घाटी में देश के लिए दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करके साहस को सम्मानित किया। एनएमडीसी ने इस अवसर पर कर्नल बी संतोष बाबू के माता-पिता – श्रीमती मंजुला और श्री बिक्कुमल्ला उपेंदर को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga Abhiyan) के तत्वावधान में, सम्मानित अतिथियों ने एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा और श्री सुमित देव ने उन्हें तिरंगा सौंपकर सम्मान व्यक्त किया। श्री सुमित देब ने एनएमडीसी के निदेशक (वित्त) श्री अमिताभ मुखर्जी और सीवीओ श्री बी विश्वनाथ (आईआरएसएस) के साथ कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा और सभी को 13 से 15 अगस्त, 2022 के दौरान अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने संबोधन श्रीमती मंजुला ने अपने बेटे की वीरता और साहस की कहानियों को साझा करते हुए कहा, “मैंने अपने बेटे को राष्ट्र की सर्वोच्च सेवा के लिए तैयार किया। उनकी सेवा के दौरान, जब मैं उनके और उनके परिवार के लिए चिंता व्यक्त करती थी, तो बाबू हमेशा कहते थे कि ‘राष्ट्र प्रथम’ है।“
इसी प्रकार श्री बिकुमल्ला उपेन्द्र ने कहा, “मेरा बेटा एक असाधारण अधिकारी था। उनको यह सम्मान मृत्युपर्यंत राष्ट्र की सेवा करने की उनकी भावना से मिला है और यह भावना को हमारे देश के युवाओं में अवश्य होनी चाहिए।“ इस अवसर पर श्री सुमित देब ने कहा, “अमर जवान कर्नल बी संतोष बाबू के परिवार के साथ हर घर तिरंगा कार्यक्रम मनाना (Har Ghar Tiranga Abhiyan) एनएमडीसी के लिए सम्मान की बात है । उन्होंने हमारे तिरंगे के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। खनिज भवन में प्रतिदिन हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
खनन के लिए एनएमडीसी के लौह से मजबूत प्रयास भगवा से प्रेरणा लेते हैं, समुदाय के लिए हमारे दशकों के निवेश श्वेत से प्रेरित हैं, और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हरे रंग से आती है। मैं एनएमडीसी परिवार से आग्रह करता हूं कि वह आगे बढकर अपने घरों पर तिरंगा फहराने में पूरे दिल से भाग लें।“
“हर घर तिरंगा” गाना और वीडियो लॉन्च कब किया जाएगा
भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा 2 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के डिजाइनर पिंगली वेंकैया की 146वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्र के लिए उनके योगदान का उत्सव मनाने के लिए सांस्कृतिक और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरी एक शाम- “तिरंगा उत्सव” आयोजित करेगा।
गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।
इस कार्यक्रम में देश में पिंगली वेंकैया के अमूल्य योगदान के लिए उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। उसके बाद उनके परिवार को सम्मानित किया जाएगा। तिरंगा उत्सव में “हर घर तिरंगा” गान और वीडियो का भव्य लॉन्च भी किया जाएगा। पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर थे। वे गांधीवादी सिद्धांतों के अनुयायी थे। महात्मा गांधी के अनुरोध पर उन्होंने भारत के राष्ट्रध्वज को केसरिया, सफेद और हरे रंगों के बीच में चक्र के साथ डिजाइन किया था।
सांस्कृतिक संध्या भारत की आजादी के 75वें वर्ष को आ जादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के ऐतिहासिक दिन का प्रतीक होगी और देश के सबसे महत्वपूर्ण रत्नों में से एक- पिंगली वेंकैया को एक महान श्रद्धांजलि होगी।
NOTE : दोस्तों ,अगर आप हर घर तिरंगा अभियान के तहत, Har ghar Tiranga abhiyan Essay in English , Har ghar Tiranga abhiyan Essay in Hindi या फिर Har ghar Tiranga abhiyan nibandh ( हर घर तिरंगा अभियान निबंध ) विषय पर कुछ लिखना चाहते है तो आप मेरे इस आर्टिकल का निःसंकोच प्रयोग कर सकते हैं। भारत सरकार की हर घर तिरंगा अभियान को देखते हुए स्कूलों में आजकल Har ghar Tiranga abhiyan Essay in English , Har ghar Tiranga abhiyan Essay in Hindi या फिर Har ghar Tiranga abhiyan nibandh ( हर घर तिरंगा अभियान निबंध ) के अलावा Tiranga Drawing competion, Tiranga Poster making competition , Tiranga quiz , तिरंगा चित्र बनवाये जा रहे हैं। अगर आपको 70 drawing of Tiranga या Tiranga चित्र देखने हैं तो इस लिंक पर क्लीक करके देख सकते हैं :
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What instructions about display and hoisting of the National Flag ?
Yes . There can be the display and hoisting of the National Flag according to ‘Flag Code of India 2002’ .
What is the Flag Code of India ? When Flag Code of India took effect on ?
The Flag Code of India brings together all laws, conventions, practices, and instructions for the display of the National Flag. It governs the display of the National Flag by Private, Public, and Government Institutions. The Flag Code of India took effect on 26th January 2002.
Which material can be used to produce or Manufacturing the National Flag of India ?
National Flag made of polyester or machine made Flag have been allowed. Now, the National Flag shall be made of handspun and handwoven or machine-made, cotton/polyester/wool/silk/khadi bunting.
When The Flag Code of India amended ?
The Flag Code of India, 2002 was amended vide Order dated 30th December, 2021 .
What is the appropriate size and ratio of the National Flag of India ?
As per Clause 1.3 and 1.4 of the Flag Code of India, the National Flag shall be rectangular in shape. The Flag can be of any size but the ratio of the length to the height (width) of the National Flag shall be 3:2
Can anybody display the National Flag at their home in India ?
As per Clause 2.1 of the Flag Code of India, there shall be no restriction on the display of the National Flag by members of the general public, private organizations, educational institutions, etc., in consistent with the dignity and honour of the National Flag.
What should keep in mind while displaying the National Flag of India at home?
As per Clause 2.2 of the Flag Code of India, a member of the public, a private organization, or an educational institution may hoist/display the National Flag on all days or occasions in accordance with the dignity and honour of the National Flag. Whenever the National Flag is on display, it should occupy the position of honor and should be distinctly placed. A damaged or disheveled National Flag should not be displayed.
Are there any rules for the prevention of insults to the National Flag ?
Yes. In accordance with “The Prevention of Insults to National Honour Act, 1971”, the following should be observed:
– The National Flag shall not be used as a form of drapery in any form whatsoever, including private funerals
-The National Flag shall not be used as a portion of costume or uniform of any description nor shall it be embroidered or printed upon cushions, handkerchiefs, napkins, or any dress material
– There shall be no lettering upon the National Flag
– The National Flag shall not be used to wrap, receive, or deliver things
– The National Flag shall not be used to cover the sides, back, and top of any vehicle.
What is the correct way to display the National Flag in the open/on public buildings ?
As per Section III of Part III of the Flag Code of India, if the National Flag is flown on public buildings, it should be flown on all days from sunrise to sunset, irrespective of the weather. It should be hoisted briskly and lowered slowly.
– When the National Flag is displayed flat and horizontal on a wall, the saffron band shall be upper most and when displayed vertically, the saffron band shall be to the right in reference to the National Flag i.e., it should be to the left of a person facing it.
– When the National Flag is displayed from a staff projecting horizontally or at an angle from a sill, balcony, or front of a building, the saffron band shall be at the farther end of the staff.
What is the timing for flying the National Flag in the open ?
As per Clause 2.2 (xi), where the Flag is displayed in open, it should, as far as possible, be flown from sunrise to sunset, irrespective of weather conditions.
Should the National Flag be flown at half-mast ?
The National Flag shall not be flown at half-mast except on occasions instructed by the Government of India. When flown at half-mast, the National Flag shall be hoisted first to the peak/top of the staff, then lowered to the half-mast position. Before lowering the National Flag for the day, it should be raised again to its peak.
Who can display the National Flag on their car / Vehicle?
The privilege of hosting the National Flag on motor cars is only limited to the following persons as per Clause 3.44 of the Flag Code of India :
-President
-Vice-President
-Governors and Lieutenant Governors
-Heads of Indian Missions/Posts
-Prime Minister
-Cabinet Ministers, Minister of State, and Deputy Ministers of the Union
-Chief Minister and Cabinet Minister of a State or Union Territory
-Speaker of the Lok Sabha, Deputy Chairman of Rajya Sabha, Deputy Speaker of Lok Sabha, Chairman of —Legislative Councils in States, Speakers of the Legislative Assemblies in States and Union Territories, —–=Deputy Chairman of Legislative Council in States, Deputy Speakers of Legislative Assemblies in States and Union Territories
=Chief Justice of India
=Judges of Supreme Court
=Chief Justice of High Courts
= Judges of High Courts
How can we display the Indian National Flag along with flags of other nations ?
As per Clause 3.32 of the Flag Code of India, when the National Flag is displayed in a straight line with flags of other countries, the National Flag shall be on the extreme right. The flags of other nations will follow in an alphabetical order as per the English versions of names of the nations.
If the flags are flown in a closed circle formation, the National Flag is flown first and is followed by flags of other national in a clockwise manner.
When the flag is displayed against the wall with another flag from crossed staffs, the National Flag shall be on the right and its staff will be in front of the staff of the other flag.When the National Flag is flown with flags of other nations, the flag masts shall be of equal size.
How should the National Flag be disposed ?
As per Clause 2.2 of the Flag Code of India, if the National Flag is damaged, it shall be destroyed as a whole in private, preferably by burning or any other method considering the dignity of the National Flag.
The National Flag, if made of paper, is waved by the general public, these flags should not be discarded on the ground. These should be discarded in private, keeping in mind the dignity of the National Flag.
Who are the Unsung Flag Martyrs ?
There is a long list of such Unsung Flag Martyrs .
Is there any Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan ?
Yes , from 11 August to 17 August 2022 Har Ghar Tiranga Abhiyan. So every citizen should be know (Kya Hai Har Ghar Tiranga Abhiyan)
This article “Har ghar tiranga abhiyan” essay in English me use kar skte hai kya ?
Yes , we can use this article in Essay in English “Har Ghar Tiranga abhiyan ” after google translation. And can also use in Essay in Hindi “Har Ghar Tiranga abhiyan ” or Nibandh in Hindi “Har Ghar Tiranga abhiyan ” .
भारत का पहला सबसे ऊंचा तिरंगा कहाँ लगा ?
रायपुर के तेलीबांधा तालाब मरीन ड्राइव परिसर में 30 अप्रैल 2016 को देश का सबसे ऊंचा तिरंगा लगाया गया था। यह करीब 82 मीटर ऊँचा, 70 फीट चौड़ा और 105 फीट लंबा था। इस तिरंगे को देखकर रायपुर के लोग खुशी से झूम उठे थे। अभी भी यहां सैकड़ों लोग पर्यटन के उद्देश्य से आते हैं और इसके साथ सेल्फी लेकर गौरवान्वित महसूस करते हैं।
देश का पहला झंडा कहाँ फहराया गया ?
आजादी से पहले 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक, कोलकत्ताफ में पहला ध्व ज फहराया गया था, जिसे उस समय क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीसय ध्वहज की संज्ञा दी थी। इस ध्वज में हरे, पीले और लाल रंग की पट्टियां थी। हरे रंग की पट्टी पर जहां कमल का फूल था, वहीं बीच में पीले रंग पर वंदेमातरम व लाल रंग पर चांद-सूरज बने थे।
देश का दूसरा झंडा कहाँ फहराया गया था ?
देश का दूसरा झंडा पेरिस में फहराया गया था, हालांकि इसके समय को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ का कहना है कि क्रांतिकारी मैडम कामा और उनके साथियों द्वारा यह झंडा 1907 में फहराया गया था, वहीं कुछ का कहना है कि यह घटना 1905 में हुई थी।
यह ध्वज भी रंग में पहले जैसा ही था, लेकिन डिजाइन में थोड़ा बदलाव किया गया था। इसमें ऊपर की पट्टी पर केवल एक कमल और सात तारे थे, जो सप्तथऋषि तारे को दर्शाते हैं। यह झंडा बर्लिन में हुए समाजवादी सम्मेमलन में भी प्रदर्शित किया गया था।
देश का तीसरा झंडा किसने और कहाँ फहराया ?
देश का तीसरा झंडा घरेलू शासन आंदोलन के दौरान डॉ एनी बीसेंट और लोकमान्यी तिलक ने 1917 में फहराया था। इस झंडे में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां थी। इसमें भी सप्तेऋषि के अभिविन्याहस में इस पर बने सात सितारे थे, वहीं बांई और ऊपरी किनारे पर यूनियन जैक था, एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
देश का चौथा झंडा किसने और कहाँ फहराया ?
आंध्र प्रदेश में एक युवक ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सत्र में चौथा ध्वज फहराया था। जिसे बाद में उसने गांधी जी को सौंप दिया। यह कार्यक्रम साल 1921 में विजयवाड़ा में किया गया था। यह झंडा लाल और हरे रंग में बना था, जिसमें देश के दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व दिया गया था।
झंडे को देखने के बाद गांधी जी के सुझाव पर इसमें शेष समुदाय का प्रतिनिधित्वा करने के लिए सफेद पट्टी और एक चलता हुआ चरखा जोड़ा गया।
देश का पांचवा झंडा किसने और कहाँ फहराया ?
पांचवे झंडे को पहली बार राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। यह झंडा अभी वाले झंडे से थोड़ा ही अलग था, इसमें अशोक चक्र की जगह चरखा था, बाकि रंग और उसका अनुपात समान था। इस ध्वज को साल 1931 में लाया गया था।
देश का छठा झंडा किसने और कहाँ फहराया ?
वर्तमान तिरंगा को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वतंत्र भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। इसमें सिर्फ एक बदलाव किया गया, चरखे की जगह धर्म चक्र अशोक को रखा गया। तब से आज तक हमारे प्यातरे तिरंगे का स्वरूप वही है जिस पर सभी देशवासी गर्व करते हैं।
What is Har ghar tiranga activities ?
‘Har Ghar Tiranga’ is a campaign under the aegis of Azadi Ka Amrit Mahotsav to encourage people to bring the Tiranga home and to hoist it to mark the 75th year of India’s independence.
Best Slogan On Har Ghar Tiranga abhiyan In Hindi/ हर घर तिरंगा घोषवाक्य क्या है ?
“कर सलाम तिरंगे को, जिससे हमारी शान है,
हर घर तिरंगा लहराए, यह हमारी पहचान है”.
“लहर-लहर लहराए तिरंगा प्यारा, हर घर लहराये तिरंगे प्यारा,
इसकी छाया के नीचे है, हर भारतवासी हमारा”.
“जब-जब झोंका हवा का आता है, मेरे घर पर तिरंगा प्यारा लहराता है,
मिटटी की खुश्बू यह हमें दे जाता है, शहीदों के सपनो को फिर से याद दिलाता है”.
“लिपट कर बदन में तिरंगे आज भी आते है,
यूँ ही नही दोस्तों हम आज़ादी मानते है”.
“आइये मिलकर राष्ट्रभक्ति की अलख जगाए, हर घर तिरँगा हम फहराये,
घर-घर में तिरंगा हम लहराएंगे, आज़ादी का अमृत महोत्सव शान से मनायेंगे”.
“तिरंगे को दो सलामी, यही हामरी शान है,
ऊँचा रखेंगे सर हमेशा, जब तक जान है”.
“सबसे प्यारा हमारा राष्ट्रीय झंडा,
तीन रंगों वाला यह तिरंगा हमारा”.
“लिपट कर कई जवान, तिरंगे में आज भी आते है,
लहरा हर घर तिरंगा, चलो हिंदुस्तान के रंग में रंग जाते है”.
3 Best Slogan On Har Ghar Tiranga Abhiyan In English
1 .“Har Ghar Tiranga symbolizes that we are free;
Remember the ratio two is of three”.
2. “Tricolour is India’s ornamentation
And her highest form of decoration”.
3. “Tiranga colors tell the story,
Of our past and present glory”.
NOTE : दोस्तों , राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारीआन-बाण-शान का प्रतीक है , हमने इस लेख में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा से संबधित जानकारी सही -सही लिखने की कोशिश की है , अगर आप में से किसी को लगे कि इसमें कुछ ठीक नहीं लिखा गया है। आपके सुझाव आमंत्रित हैं और इसमें सुधार किया जा सकता है। सहयोग के लिए धन्यवाद
नोट : दोस्तों , दिनभर की भागदौड़ में आप जैसे मेहनती आदमी काम करके थक जाते हैं और कई बार बोर भी हो जाते होंगे। ऐसे में आप लोगों का तनाव दूर करने और मूड फ्रेश करने के लिए हमने अपने लेख में एक शेऱ और एक joke शामिल करना शुरू किया है। उम्मीद है कि आपको ये नया आईडिया पसंद आएगा।
आप हमें अपने सुझाव भी jangbirsinghgoyat1000@gmail.com पर भेज सकते हैं
Best Joke of the day : कर्मचारी – सर बहुत बारिश हो रही है, क्या आज
ऑफिस आना है?
बॉस – खुद ही सोच लो किससे दिनभर बेइज्जती करानी
है… मुझसे या पत्नी से?
कर्मचारी – ठीक है सर…. मैं आ रहा हूं.
नमस्कार दोस्तों! मैं इस वेबसाइट का एडमिन हूँ, इसमें मैं विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी ,सूचनाएं देने की कोशिश करता हूँ , यह जानकारी विभिन्न श्रोतीं से एकत्रित की गई हैं। मैं इनके पूर्ण रूप से सही होने का दावा नहीं करता। यहाँ दी गई जानकारी के आधार पर कोई कदम उठाने से पहले आप मूल स्रोत से सही सूचना अवश्य ज्ञात कर लें। किसी लेख में त्रुटि के सुधार के लिए digitalsewa1011 @gmail.com पर हमेशा आपके सुझाव आमंत्रित हैं। सहयोग के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !